रामटेक में नहीं चला मोदी मैजिक, कांग्रेस के श्यामकुमार बर्वे ने मारा मैदान
रामटेक/दि.6– जाति वैधता प्रमाणपत्र रद्द हो जाने के चलते रामटेक संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस की रश्मी बर्वे का नामांकन खारिज हो गया था. जिसके बाद पूरी राजनीतिक महाभारत के चलते रामटेक संसदीय क्षेत्र को लेकर समूचे देशभर में चर्चा हुई. यद्यपि रामटेक संसदीय क्षेत्र के चुनावी अखाडे में 28 उम्मीदवार थे. लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस के श्यामकुमार बर्वे और शिंदे गुट वाली शिवसेना के राजू पारवे के ही बीच था. पहले राउंड से ही कांग्रेस प्रत्याशी श्यामकुमार बर्वे ने अपनी विजयी हुडदौड को कायम रखा तथा 76 हजार 768 वोटों की लीड लेते हुए रामटेक संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता. कांग्रेस प्रत्याशी श्यामकुमार बर्वे को 6 लाख 13 हजार 25 वोट मिले. वहीं शिंदे गुट वाली शिवसेना के प्रत्याशी पारवे को 5 लाख 36 हजार 257 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रुकना पडा.
विशेष उल्लेखनीय है कि, लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद विदर्भ क्षेत्र मेें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामटेक संसदीय सीट से ही अपने प्रचार अभियान का शुभारंभ किया था, लेकिन मोदी की विशालकाय जनसभा और धुआंधार प्रचार के बावजूद भी रामटेक में धनुष्यबाण द्वारा जीत के लक्ष्य पर निशाना नहीं साधा जा सका.
* मविआ की जीत के कारण
– रश्मी बर्वे का नामांकन खारिज होने के बाद कांग्रेस दोगुनी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरी.
– रश्मी एवं श्यामकुमार बर्वे ‘परमात्मा एक सेवक’ के साथ सेवक के तौर पर जुडे है और रामटेक संसदीय क्षेत्र में ‘परमात्मा एक सेवक’ के करीब एक से डेढ लाख अनुयायी है, इसका भी फायदा श्यामकुमार बर्वे को मिला.
* महायुति की हार के कारण
– भाजपा के इच्छूकों की अच्छी खासी भीड थी और पारवे को उम्मीदवारी देते समय जो मापदंड देखे गये. उन्हीं मापदंडों के आधार पर भाजपा के अन्य इच्छूकों का विचार क्यों नहीं किया गया, ऐसी चर्चा भाजपा के एक धडे में थी.
– रामटेक में यद्यपि शिंदे गुट वाली शिवसेना का प्रत्याशी मैदान में था, लेकिन उनके चुनाव प्रचार में कही पर भी कट्टर शिवसैनिक दिखाई नहीं दिये.
– शिंदे गुट वाली शिवसेना द्वारा सांसद कृपाल तुमाने का टिकट काट दिये जाने की वजह से भी शिवसैनिकों में अच्छी खासी नाराजगी थी.