महाराष्ट्र

कुपोषण कम करने के लिए बच्चों को मोह के फूल के लड्डू

अधिकारी ने कुपोषित व कमजोर को दिए जाने के संबंध में प्रस्तुतिकरण किया

मुंबई / दि. 22– पौष्टिक आहार का अभाव और कुपोषण के कारण राज्य के छोटे बच्चे और किशोर उम्र के लडकों में अ‍ॅनिमिया की संख्या बढ गई है. इसमें प्रतिबंध रखने के लिए राज्य के कुपोषित बच्चों के लिए मोह के फूलों से बने लड्डू देने की सूचना कुपोषणमुक्त कृति दल ने दिया है. राज्य के कुपोषण बाबत जिलानिहाय समीक्षा बैठक में यह सूचना दी गई. इस पौष्टिक आहार के कारण शरीर के हीमोग्लोबिन का प्रमाण बढकर अ‍ॅनिमिया के प्रमाण कम होंगे. ऐसा विश्वास कृति दल ने व्यक्त किया है.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने 0 से 18 वर्ष उम्रगुट के बालकों की गई स्वास्थ्य जांच में 70 हजार से अधिक बालक और किशोर उम्र के बच्चों में कमजोरी होने का दिखाई दिया है. इसके साथ राज्य की प्रत्येक महिला अ‍ॅनिमिया से परेशान होने का दिखाई दिया है. यह संख्या नियंत्रण में लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से विविध उपाय योजना की जाती है. इसमें अ‍ॅनिमयाग्रस्तों को लोहा की गोलियां दी जाती है. इस संदर्भ में अब कुपोषणमुक्त कृति दल के अध्यक्ष डॉ. दीपक सावंत ने मोहा के फूल के लड्डू देने की सूचना दी है.
* मोहा के फूल के लाभ
मोहा के फूल से विटामीन सी, प्रर्थिने, लोह, कैल्शियम, फॉस्फरस और कार्बोहायड्रेट मिलता है. जिसके कारण शरीर निरोगी रहने के साथ ही हिमोग्लोबिन का प्रमाण भी बढता. कमजोर मरीज उनके दैनिक पोष्टिक आहार के साथ अतिरिक्त पौष्टिक अन्न के रूप में मोहा के फूल के लड्डू ले सकते है. ऐसी जानकारी आयुर्वेदिक डॉक्टरों की ओर से दी गई है.
* गडचिरोली में इससे पूर्व ही प्रयास
मोह के फूल से तैयार किए गये लड्डू सकस आहार के रूप में उपयोग किए जा सकते है. यह प्रयोग सिध्द होने के बाद गडचिरोली की कुछ संस्थाओं ने वह अंगणवाडी केंद्र में वितरण करना शुरू किया. उसकी दखल लेकर ओडिशा सरकार ने भी यह प्रयोग शुरू किया. इस बात को 5 वर्ष हो गये.
– हाल ही में गडचिरोली में मोह व शराब पर से अनेक विवाद शुरू है. उसे शह देने के लिए कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं के आग्रह पर से यह प्रयोग शासकीय स्तर पर चलाने के लिए हलचले शुरू है.

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