* 1 लाख 84 हजार इमारतों पर लगे स्वच्छता क्यूआर कोड
* घंटा गाडी वाले क्यूआर कोड स्कैन कर देंगे अपडेट
अमरावती /दि. 7– शहर में प्रत्येक इमारत और मकान के मुख्य प्रवेश द्वार की दीवार पर एक क्यूआर कोड चस्पा किया गया है. यह क्यू आर कोड क्यों लगाया गया है? इसको लेकर अनेक नागरिकों के मन में यह जानने की जिज्ञासा बढी है. शहर में सफाई पर निगरानी के लिए यह क्यूआर कोड लगाए गए है. महानगर पालिका का सफाई विभाग इसी क्यूआर कोड के माध्यम से शहर के सभी पांचों जोन में हो रही नियमित सफाई की निगरानी करेगा. नई व्यवस्था महानगर पालिका द्वारा जल्द ही अमल में लाई जा रही है.
* ऐसे काम करेगा सीएमसी नामक एप
सीएमसी नाम से एप कार्यान्वित किया जा रहा है. इस एप का डैश बोर्ड महानगर पालिका के सफाई विभाग के मुख्यालय में होगा. घंटा गाडी वाले जिस क्षेत्र में नियमित कचरा इकठ्ठा करने जाते है. उस क्षेत्र के क्यूआर कोड को इन घंटा गाडी वालों को स्कैन करना अनिवार्य होगा. जिससे मनपा के सफाई विभाग को चता चल जाएगा कि, कौनसे क्षेत्र में सफाई हुई है. इस क्यूआर कोड पर उस क्षेत्र की नाली-नाले की सफाई की भी अपडेट देनी होगी.
सूखा व गीला कचरा वर्गीकरण के लिए यह नई व्यवस्था काफी कारगर रहने की जानकारी निगमायुक्त देवीदास पवार ने दी. उन्होंने बताया कि, आईटीआई कंपनी, मुंबई से इस एप के लिए करार हुआ है. अगले महिने तक यह एप एक्टिव करने का लक्ष्य है.
दो जोन में निपटा फील्ड वर्क प्रशिक्षण
सीएमसी एप के डैश बोर्ड को किस तरह संचालित करें. इसके लिए महानगर पालिका के जोन क्रमांक 1 और जोन क्रमांक 2 में फील्ड वर्क प्रशिक्षण दिया गया. अब जोन क्रमांक 3, 4 व जोन क्रमांक 5 में यह फील्ड वर्क प्रशिक्षण जल्द दिया जाएंगा. शहर में कुल 1 लाख 84 निवासी व वाणिज्य इमारतों की दीवार पर यह क्यूआर कोड लगाए गए है.
– डॉ. अजय जाधव
स्वास्थ्य अधिकारी मनपा.