महाराष्ट्र

बंदर ने फोडी दहीहांडी

कासा गांव का मामला

कासा/दि.३१ – प्रतिवर्ष की तरह परंपरा के अनुसार दहीहांडी का त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. दही हांडी पर लगभग २५ से ३० हजार रुपए खर्च कर डीजे की धुन में बालगोपाल व गोविंदा पथक थिरकते हुए दही हांडी फोडते है. लेकिन बीते दो वर्षो से कोरोना महामारी ने दहीहांडी पर भी ग्रहण लगा दिया है. हालांकि परंपरा का जतन करते हुए कासा गांव में दहीहांडी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
इस वर्ष भी दहीहांडी उत्सव का आयोजन किया गया. कासा गांव के सदाशिव होटल के सामने नियमित रूप से दहीहांडी बांधी गयी. लेकिन कोई भी गोविंदा पथक इस वर्ष मौजून नहीं रहने से दही हांडी फोडने की चिंता सभी को सताने लगी. तभी अचानक एक बंदर पेड़ पर से कुदते हुए दहीहांडी फोड़ने के लिए आया. बंदर ने नारियल नीचे फेंकते हुए दहीहांडी फोड़ दी और रस्सी को बांधे केले भी खा लिए. फिलहाल गांव में यहीं चर्चाएं बनी हुई है कि गोविंदा स्वयंम बंदर के रूप में आया और दहीहांड फोडकर निकल गया.

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