महाराष्ट्र

राज्य में म्यूकोरमाइकोसिस के 2 हजार से ज्यादा मरीज

8 लोगों की मौत

मुंबई/दि.११ – कोविड 19 के बाद जब इम्यूनिटी कम हो जाती है तब इंसान म्यूकोरमाइकोसिस का शिकार हो जाता है. यह जानकारी हम सबकी नजरों के सामने आई है. जल्दी ही इस बीमारी के शिकार लोगों का इलाज राज्य सरकार द्वारा मुफ्त करवाया जाएगा. इसलिए इस बीमारी को राज्य के महात्मा फुले जन-आरोग्य योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है. यह बताते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी कि राज्य में करीब 2000 से ज्यादा लोग म्यूकोरमाइकोसिस के मरीज हैं और इस बीमारी से राज्य में 8 लोगों की मौत हो गई है.
राजेश टोपे ने मंगलवार को मीडिया से संवाद साधते हुए कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस के इलाज के लिए 14 इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है. इन इंजेक्शनों की कीमत खासी ज्यादा होती है. इसलिए ऐसे मरीजों का इलाज महात्मा फुले जन-आरोग्य योजना के तहत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 2 हजार म्यूकोरमाइकोसिस के मरीज सामने आ चुके हैं और 8 लोगों की म्यूकोरमाइकोसिस से मौत हो चुकी है. ऐसे में इस विषय की गंभीरता को समझते हुए म्यूकोरमाइकोसिस के इलाज के लिए विशेष वार्ड की व्यवस्था करने की तैयारी की गई है. मांग बढ़ने से म्यूकोरमाइकोसिस की दवाएं हुई महंगी
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के मुताबिक कि जब कोरोना संक्रमित मरीजों के ऑक्सीजन दिया जाता है तब ऑक्सीजन का पानी अगर शुद्ध नहीं हुआ तो म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है. म्यूकोरमाइकोसिस की दवाई एमपी एंपोथेरिसिन हर जगह मिलती है. लेकिन मांग बढ़ने की वजह से इस दवाई की कीमत ढाई हजार रुपए से सीधा छह हजार रुपए तक पहुंच गई है. इसलिए आम आदमी के लिए इसके खर्च का बोझ उठाना आसान नहीं है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए जल्दी ही इन 14 डोज के इंजेक्शन्स को महात्मा फुले जन-आरोग्य योजना के अंदर शामिल किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय में एक बैठक भी ली थी. इस बैठक में वे इस बात की जानकारी शेयर कर रहे थे कि अनेक प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के रिश्तेदारों से अनाप-शनाप पैसे बिल बनाकर वसूले जा रहे हैं. इसलिए अब हर दिन सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक सरकारी कर्मचारी ऐसे सेंटरों में नियुक्त किए जाएंगे. ताकि वे यह निगरानी रख सकें कि कहीं मरीजों को लूटा तो नहीं जा रहा. उनके हस्ताक्षर के बाद ही बिल अस्पतालों में भरे जा सकेंगे. जालना जिले के जिलाधिकारी ने जिस तरह अपने जिले में व्यवस्था तैयार की है वैसा ही अन्य जिलों में भी अनुकरण किय जाए, स्वास्थ्य मंत्री ने मीटिंग में अपनी राय दी.

  • म्यूकोरमाइकोसिस क्या है?

म्यूकोरमाइकोसिस एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है. यह फंगल इन्फेक्शन नाक और आंख से ऊपर की ओर बढ़ता है और दिमाग तक पहुंच जाता है. इन्फेक्शन के ब्रेन तक पहुंचते ही मरीज की हालत गंभीर हो जाती है.कोरोना के पहले फेज में यह बीमारी लोगों को हुई या नहीं इसका तो पता नहीं चल पाया है, लेकिन कोरोना की सेकंड वेव में यह मामले अधिक हो रहे हैं. पहले यह फंगल इन्फेक्शन साइनस में होता है. इसके 2-4 दिनों के भीतर यह आंखों तक पहुंचता है और इसके एक दिन के अंदर यह ब्रेन तक पहुंच जाता है. इन्फेक्शन जब ब्रेन में पहुंच जाता है तो आंख निकालना मजबूरी हो जाता है. अगर सही समय पर मरीज की आंख न निकाली जाए तो उसकी जान भी जा सकती है.

Related Articles

Back to top button