6 माह में राज्य की 4 हजार से अधिक युवतियां व महिलाएं लापता
प्रेम प्रकरण की वजह से पलायन के बढ रहे मामले
मुंबई/दि.15 – राज्य में नाबालिग लडकियों सहित 18 वर्ष से अधिक आयु वाली युवतियों व महिलाओं के लापता होने की संख्या दिनोंदिन बढ रही है. विगत 6 माह के दौरान यह आंकडा 4 हजार 434 पर जा पहुंचा है. जिसमें 2 हजार 458 नाबालिग लडकियों का भी समावेश है. वहीं विगत 5 वर्ष के आंकडों को देखने पर राज्य में 13 से 17 वर्ष आयु गुट वाली लडके-लडकियों के लापता हो जाने या घर से भाग जाने के मामले भी तेजी से बढ रहे है.
राज्य के गृह मंत्रालय व पुलिस महासंचालक कार्यालय द्बारा इस संदर्भ में कोई गंभीर कदम नहीं उठाए जाने के चलते गुमशुदगी से संबंधित मामलों की शिकायतों को पुलिस द्बारा भी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा. विगत 6 माह के दौरान अकेले मार्च माह में भी राज्य से सर्वाधिक 2 हजार 200 किशोरवयीन लडकियां व युवतियां व महिलाएं लापता हुए है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा रुपाली चाकणकर द्बारा इससे संबंधित आंकडे जारी करने के बाद पुलिस विभाग में लापता लडकियों, युवतियों व महिलाओं को खोजने का प्रयास शुरु किया था. जिसके चलते करीब 30 फीसद लडकियों, युवतियों व महिलाओं को वापिस खोजा जा सका.
* क्या है घर छोडने की वजह?
अभिभावकों द्बारा की जाने वाली प्रताडना, पढाई-लिखाई का डर, बाहरी दुनिया का आकर्षण जैसी वजहों के चलते घर से भाग जाने वाली लडकियों की संख्या बढ गई है. वहीं प्रेम संबंधों में रहने वाली नाबालिग लडकियों का अपने प्रेमी के साथ भाग जाने का प्रमाण भी बढ गया है. इसके अलावा नौकरी की तलाश, फिल्मों में काम करने की इच्छा, शारीरिक आकर्षण, विवाह बाह्य संबंध एवं निराशा के चलते भी कई बार लोगबाग अपना घर छोड देते है.