महाराष्ट्र

प्राइवेट अस्पताल में एक्सेस बिल बनाने के खिलाफ कपड़े उतार कर आंदोलन

भीड़ जुटाने के आरोप में मामला दर्ज

नाशिक/दि.26 – नासिक के एक बड़े अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों से अनाप-शनाप बिल लिए जाने के खिलाफ कपड़े उतार कर आंदोलन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र भावे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. आंदोलन के नाम पर कोविड काल में भीड़ जुटाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र भावे ने अपने कुछ साथियों के साथ मरीजों से अधिक बिल वसूलने के विरोध में नासिक के एक नामी अस्पताल के बाहर कपड़े उतार कर अर्धनग्न अवस्था में आंदोलन किया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया. सामाजिक कार्यकर्ता का मरीज की ओर से आरोप है कि इंश्योरेंस कंपनी की ओर से बिल पेमेंट होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने एडवांस में मरीज से ली गई 1 लाख 50 हजार की रकम वापस नहीं लौटाई और बिल में भी अधिक रकम वसूली की जा रही है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन को ये पैसे लौटाने ही होंगे, ऐसा जितेन्द्र भावे ने आंदोलन करते हुए कहा.

  • सिर्फ 37500 रुपए हम एक्स्ट्रा डिस्काउंट मांग रहे

यह आंदोलन अमोल जाधव नाम के व्यक्ति के माता-पिता के लिए किया गया. इनके माता-पिता के इलाज में 10 लाख रुपए का बिल बना. इसके लिए पहले से ही डेढ़ लाख की डिपॉजिट दे गई है. सारा हिसाब हो चुका है. अस्पताल को बिल के पैस मिले चुके हैं. अस्पताल के बिल में बड़ी संख्या में एक्सेस बिलिंग हुई है. लेकिन फिर उस पर हमें कुछ नहीं कहना है. हमारा सिर्फ इतना कहना है कि जो डेढ़ लाख रुपए हमने डिपॉजिट के तौर पर भरे, वो हमें वापस किए जाएं. डिस्काउंट के बाद 1 लाख 12 हजार 500 की रकम उन्हें देना है, ऐसा उन्हें लगता है. हम सिर्फ 37500 रुपए एक्स्ट्रा डिस्काउंट मांग रहे हैं. लेकिन अस्पताल प्रशासन यह देने को तैयार नहीं है. जबकि अस्पताल ने एक्सेस बिल बनाकर अत्यधिक रकम लूट ली है. कॉरपोरेट हॉस्पिटल में भी सरकारी अस्पतालों की तरह भ्रष्टाचार बढ़ गया है. ऐसा आरोप लगाते हुए जितेंद्र भावे ने अमोल जाधव के पक्ष में कपड़े उतार कर आंदोलन किया, जिसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा और उनके खिलाफ कोरोना नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज हो गया. यानी कोरोना काल में उन्होंने आंदोलन करने के लिए अस्पताल में भीड़ जुटाई.

  • एक्सेस बिलिंग से परेशान होकर अर्धनग्न आंदोलन

पिछले कुछ वक्त से देश और राज्य में कोरोना संक्रमण का संकट छाया हुआ है. कोरोना मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है और अस्पतालों में बेड कम पड़ते जा रहे हैं. ऐसे समय में अनेक अस्पताल मरीजों की मजबूरियों का फायदा उठाते हुए वाजिब दरों से अधिक पैसे ऐंठ रहे हैं. नासिक के एक बड़े अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज से अत्यधिक बिल बनाकर पैसे लूटने का आरोप सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र भावे ने लगाया और इस पर विरोध जताने का एक अनूठा तरीका अपनाया.

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