महाराष्ट्र

एमपीएससी पाठ्यक्रम का विवाद हाईकोर्ट में

सन 2023 से ही नया पाठ्यक्रम लागू करने हेतु याचिका

पुणे/दि.29 – महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग यानि एमपीएससी की राज्य सेवा मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम को अमल में लाने का विवाद अब अदालत में पहुंच गया. पाठ्यक्रम को जारी वर्ष 2023 से ही लागू करने की मांग को लेकर 2 याचिकाएं उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ में दाखिल की गई है. जिसे लेकर पहली सुनवाई पूर्ण हो चुकी है और अदालत ने एमपीएससी को नोटीस भी जारी की है.
एमपीएससी ने राज्य सेवा मुख्य परीक्षा वर्णनात्मक पद्धति से लेने का निर्णय लेते हुए नये पाठ्यक्रम को सन 2023 से लागू करने की घोषणा की थी. परंतु मार्च 2025 से नया पाठ्यक्रम लागू करने की मांग को लेकर कुछ दिनों पूर्व युवक कांग्रेस सहित स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं ने पुणे में आंदोलन किया था. पश्चात सीएम एकनाथ शिंदे द्बारा नियोजन किए जाने पर महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग ने नये पाठ्यक्रम को वर्ष 2025 से लागू किए जाने की घोषणा की. लेकिन अब इस फैसले का विरोध करते हुए कुछ परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई है. दत्ता पोल नामक एक याचिकाकर्ता के मुताबिक एमपीएससी द्बारा वर्ष 2023 से नया पाठ्यक्रम लागू करने की घोषणा किए जाने के बाद कई परीक्षार्थियों ने इस हिसाब से अपनी तैयारी शुरु की. परंतु 8 माह बाद कुछ लोगों की मांग और राजनीतिक दबाव के चलते एमपीएससी ने अपना फैसला बदल दिया. जिसके चलते आयोग को प्रमाण मानकर 8 माह से तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को अन्याय हुआ है. नये पाठ्यक्रम के लिए सरकार ने सारथी, बार्टी व महाज्योति जैसी संस्थाओं के मार्फत उम्मीदवारों की छात्रवृत्ति पर करोडों रुपए खर्च किए. केवल मुख्य परीक्षा को कुछ समय के लिए आगे स्थगित करते हुए सभी उम्मीदवारों को नये पाठ्यक्रम के हिसाब से पढाई करने हेतु थोडा समय उपलब्ध कराया जा सकता था.
औरंगाबाद खंडपीठ में दायर याचिका पर आगामी अप्रैल माह में सुनवाई होगी. वहीं पुणे के कुछ स्पर्धा परीक्षार्थियों ने एड. डॉ. चिन्मय भोसले के मार्फत मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.

Related Articles

Back to top button