महाराष्ट्र

MSRTC ने 230 कर्मियों की बर्खास्तगी के लिए जारी किया नोटिस

28 अक्टूबर से कर्मचारी हैं हड़ताल पर

मुंबई /दी14– हड़ताल से हलकान महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम  ने मंगलवार को 230 कर्मियों को नोटिस जारी किया और उनसे पूछा कि उनकी सेवाएं समाप्त क्यों नहीं कर दी जाएं. कर्मचारी एमएसआरटीसी के राज्य सरकार में विलय करने की मांग को लेकर 28 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं. नौ नवंबर से उनका आंदोलन तेज हो गया था और 250 डिपो से बस सेवाएं ठहर गई हैं. एक अधिकारी ने कहा, अब तक एमएसआरटीसी के 67,904 कर्मियों में 21,644 काम पर लौट आये हैं. कुल 122 डिपो काम कर रहे हैं जबकि 128 डिपो नहीं चल रहे हैं.

मंगलवार शाम छह बजे तक हमने 250 बस सेवांए संचालित कीं हैं और यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है. राज्य सरकार ने हड़ताली कर्मियों की वेतन वृद्धि मंजूर कर ली है और अन्य कई मांगों पर गौर करने का वादा किया है, हालांकि सरकार ने विलय पर विचार करने से इनकार कर दिया है.

समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा विलीनीकरण

कर्मचारियों की हड़ताल खत्म करने के लिए शुक्रवार को परिवहन मंत्री परब ने एसटी महामंडल के मुख्यालय में बैठक की थी. बैठक के बाद परब ने कहा कि कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के फैसले का लिखित आदेश दिया जा चुका है. उन्हें बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा. रही बात एसटी महामंडल के राज्य सरकार में विलीनीकरण की तो, इस पर अध्ययन करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर समिति का गठन कर दिया है. समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही विलीनीकरण हो सकेगा.

जल्द से जल्द लौंटे काम पर

शुक्रवार को एसटी महामंडल के 73,438 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए, जबकि 18,828 कर्मचारियों ने काम किया. दिनभर में 1331 बसें सड़क पर उतरीं थी. परिवहन मंत्री परब ने कहा कि हड़ताल में शामिल एसटी कर्मचारियों के बीच तरह-तरह की अफवाह फैलाई जा रही हैं. ऐसा भ्रम फैलाया जा रहा है कि यदि 60 दिन हड़ताल जारी रही, तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ेगा, लेकिन मैं एसटी कर्मचारियों को स्पष्ट कहना चाहता हूं कि ऐसा कोई कानून नहीं है. इसीलिए कर्मचारी अफवाहों पर विश्वास न करें. उनके लिए बेहतर होगा कि जल्द से जल्द काम पर लौटें, ताकि लोगों की परेशानियां खत्म की जा सकें.

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