महाराष्ट्र की मदद के लिए मुकेश अंबानी आगे आए
100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुफ्त उपलब्ध करवाएंगे
मुंबई/दि.१७ – कोरोना संकट से उबरने में महाराष्ट्र की मदद के लिए प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी ने मदद का हाथ बढ़ाया है. मुकेश अंबानी ने 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुफ्त में उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है. अंबानी यह ऑक्सीजन अपने जामनगर ऑक्सीजन प्लांट से उपलब्ध करवाएंगे. इससे कोरोना संक्रमितों के इलाज में ऑक्सीजन की कमी से उबरने में मदद मिलेगी.
महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की कमी की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां कोरोना संक्रमण से ज्यादा लोग अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मर रहे हैं. लोगों को ऑक्सीजन वाला बेड नहीं मिल पा रहा है. कई लोगों को जमीन पर लेटा कर या कुर्सियों पर बैठा कर ऑक्सीजन दिया जा रहा है. अनेक लोगों को कोरोना के इलाज के लिए इस तरह से भी ऑक्सीजन नसीब नहीं हो रहा है. अनेक अस्पताल ऑक्सीजन नहीं होने का रोना रोकर रिश्तेदारों से रोगियों को ले जाने को कह रहे हैं. महाराष्ट्र में नागपुर सहित विदर्भ क्षेत्र में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा कमी दिखाई पड़ रह है. विदर्भ में फिलहाल 10 हजार 481 ऑक्सीजन बेड्स हैं. थोड़ी सी संख्या बढाई गई है. लेकिन कोरोना संक्रमितों की बढ़ती तादाद को देखते हुए यह संख्या काफी कम है. सरकार के कोविड डैशबोर्ड के मुताबिक विदर्भ के कुल ऐसे बेड्स में से नागपुर जिले के 4366 ऑक्सीजन बेड्स शामिल हैं. बाकी दस जिलों में 6115 ऑक्सीजन बेड्स हैं. लेकिन विदर्भ क्षेत्र में रोज 12 से 15 हजार कोरोना के नए केस सामने आ रहे हैं. 8 अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच विदर्भ में 995 कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हो गई.
पहले स्थिति यह थी कि रोगियों की स्थिति खराब होती थी तो वे नागपुर चले आते थे. लेकिन फिलहाल नागपुर में ही 62 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमितों का इलाज शुरू है. इनमें से 7500 संक्रमितों की स्थिति गंभीर है. इसलिए यहां बेड्स मिलना बहुत मुश्किल होता जा रहा है. इसलिए दूसरे जिलों से नागपुर आने वाले रोगियों की संख्या कम हो गई है. उल्टा नागपुर से कई रोगियों को अमरावती ले जाया गया है. बाकी जिलों में तो बेड्स की उपलब्धता रोगियों की तुलना में बहुत कम है. इसलिए नागपुर सहित विदर्भ रीजन में कोरोना संक्रमितों में से अनेक की मृत्यु सिर्फ इसलिए हो रही है क्योंकि उन्हें समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.
कोरोना की पहली लहर से नहीं सीखा, भोग रही है जनता
यह स्थिति विदर्भ तक ही सीमित नहीं है. पूरे महाराष्ट्र में ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटिलेटर्स वाले बेड्स की कमी की स्थिति कमोबेश एक जैसी ही है. पुणे के ससून अस्पताल में गुरुवार 43 कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हो गई. इनमें से बड़ी संख्या में मौत की वजह के तौर पर ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर्स की कमी की समस्या सामने आई. कोरोना की पहली लहर के अनुभव से प्रशासन ने कुछ नहीं सीखा. नए जंबो कोविड अस्पताल तैयार करने की तरफ ध्यान दिया जाता तो शायद आज बेड्स की ऐसी कमी और संकट नजर नहीं आता. दुख इस बात का उतना नहीं कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोग मर रहे हैं. दुख इस बात का ज्यादा है कि कोरोना संक्रमित इलाज के लिए बेड नहीं मिल पाने की वजह से ज्यादा मर रहे हैं.
अंबानी आगे आए