महाराष्ट्र

मुंबई BMC ने किया अंडर ग्राउंड वाटर सप्लाई पाइप लाइन का सौदा घाटे में

विपक्ष ने लगाए स्क्रैप घोटाले के आरोप

मुंबई/दि.13 – देश की सबसे अमीर मुंबई महानगरपालिका बीएमसी में हुए कबाड़ घोटाले का मामला सामने आया है. दरअसल बीएमसी द्वारा ब्रिटिश कालीन अंडर ग्राउंड वाटर सप्लाई की पाइप लाइन को बदला जा रहा है. ऐसे में 1800 मिलीमीटर व्यास वाली पाइप लाइन को कबाड़ के भाव में बेचकर बीएमसी को एक मोटी रकम मिल रही है, लेकिन इसमें भी गड़बड़ी की गई है.
कई दशक से जमीन के नीचे दबे इस पाइप को ‘AIFSO टेक्नोलॉजी लिमिटेड’ नामक कम्पनी को 32 रुपये किलो के भाव से बेचने का फैसला बीएमसी की स्थाई समिति ने लिया था. जमीन के नीचे से निकाली गई इस पाइप का कुल वजन करीब एक करोड़ 18 हज़ार किलोग्राम है यानी कि इस पाइप को 32 रुपये के हिसाब से बेचने पर करीब 32 करोड़ 5 लाख 76 हजार रुपये बीएमसी को मिलना तय था.

  • दूसरी कंपनी ने ज्यादा में खरीदने का ऑफर दिया

यहां तक तो सब कुछ ठीक था, लेकिन जब एक दूसरी एजेंसी द्वारा बीएमसी को लेटर लिखकर इस कबाड़ को खरीदने के लिए 37 रुपये प्रति किलो अदा करने का ऑफर दिया गया तो भी बीएमसी ने अपने फैसले में कोई बदलाव नही किया है.  बीएमसी को ये ऑफर ‘गरीब नवाज कॉपोरेशन’ नामक कम्पनी ने दिया है. अगर बीएमसी इस ऑफर को मानती है तो बीएमसी को 37 करोड़ 6 लाख 66 हजार रुपये मिलेंगे यानी पहले कंपनी के मुकाबले करीब 5 करोड 9 हज़ार का सीधा फायदा होगा.

  • बीएमसी ने नहीं निकाला था कोई टेंडर

अब सवाल ये है कि आखिर गरीब नवाज कॉरपोरेशन नमक इस कंपनी ने बीएमसी को यह ऑफर पहले क्यों नहीं दिया या फिर ये कंपनी टेंडर प्रक्रिया में शामिल क्यों नहीं हुई तो इसका जवाब है कि बीएमसी स्थाई समिति ने इस कबाड़ को बेचने के लिए कोई टेंडर  निकाला ही नही था. दरअसल बीएमसी स्थाई समिति द्वारा साल 2020 में पूरे मुंबई भर में निकले मेटल की कबाड़ को बेचने के लिए जो टेंडर निकाला गया था उसी टेंडर को इस कबाड़ को भी बेचने के लिए  लागू कर दिया गया. ‘AIFSO टेक्नोलॉजी लिमिटेड’ कंपनी ने साल 2020 में 26 लाख 96 हजार किलो मेटल 32 रुपये प्रति किलो के भाव से कबाड़ खरीदा था. अब बीएमसी उतने ही दाम पर 1 करोड़ 18 हज़ार किलोग्राम  कबाड़ बेच रही है.

  • बीजेपी ने कहा फैसला निरस्त नहीं हुआ तो जाएंगे कोर्ट

जब इस बात की जानकारी विपक्ष को लगी तब बीएमसी में बीजेपी की तरफ से स्थायी समिति सदस्य और नगरसेवक विनोद मिश्रा ने इस मुद्दे को उठाया और तत्काल इस फैसले को निरस्त करने की मांग की. विनोद मिश्रा ने कहा है कि अगर बीएमसी कमिश्नर और स्थायी समिति इस फैसले को रद्द नहीं करती है तो वह इस घोटाले को लेकर अदालत में जाएंगे.
आपको बता दें कि बीएमसी अधिकारियों पर और बीएमसी में सत्ता मैं बैठी शिवसेना पर घोटाले का यह कोई पहला आरोप नहीं है इसके पहले भी इस तरह के घोटाले के आरोप लगते रहे हैं लेकिन कबाड़ बेचने में भी घोटाला होगा यह सोच से परे है. हमने बीएमसी में शिवसेना नेता और स्थाई समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई खुद को व्यस्त बता कर इस आरोप पर जवाब देने से वो बच रहे हैं.

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