मुंबई मॅट ने राज्य के 344 विद्यार्थियों को ठहराया अपात्र
एमपीएससी की तरफ से रिजल्ट : विद्यार्थी जाएंगे न्यायालय
पुणे/दि.10– महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) के गलत कारभार के कारण राज्य के 344 वहीं अन्य चार से पांच हजार विद्यार्थियों को फटका लगा है. मुंबई उच्च न्यायालय एवं औरंगाबाद व नागपुर खंडपीठ ने संयुक्त रुप से पूर्व परीक्षा के कुल 344 विद्यार्थियों को पुलिस उपनिरीक्षक पद की मुख्य परीक्षा के लिए गत सप्ताह में ही पात्र ठहराया था. मात्र मुंबई मॅट ने यह परिणाम घुमाते हुए महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की ओर से दिये जाने से निराश हुए हजारों विद्यार्थी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
उच्च न्यायालय ने शुरुआत में 86 विद्यार्थियों को संयुक्त पूर्व परीक्षा की मुख्य परीक्षा के लिए पात्र ठहराया था. पश्चात मुंबई उच्च न्यायालय (161),औरंगाबाद (88) व नागपुर खंडपीठ ने 9 ऐसे 258 विद्यार्थियों को गत सप्ताह में हुई सुनवाई मेें पात्र ठहराया था. जिसके चलते कुल 344 विद्यार्थी मुख्य परीक्षा में पात्र ठहराये गए थे.
संयुक्त पूर्व परीक्षा के परिणाम घोषित करते समय आयोग ने उत्तर सूचीत कुछ प्रश्नों के उत्तर गलत घोषित किए. विद्यार्थियों ने प्रथम शिकायत दाखल की. आयोग ने सुधारित दूसरी उत्तर सूची घोषित की. मात्र यह उत्तर सूची भी गलत घोषित किए जाने की शिकायत मिली. इसलिए फिर से तीसरी उत्तर सूची आयोग ने घोषित की. मात्र इसमें तो पहले की दो उत्तर सूची में सही प्रश्नों के उत्तर गलत तो गल उत्तरों को सही होने का घोषित किया. सूची से बाहर गए 1 हजार से अधिक विद्यार्थियों का समावेेश हुआ, वहीं जिनका समावेश था, ऐसे करीबन 500 से अधिक विद्यार्थी सूची से बाहर फेंके गए. जिसके विरोध में विद्यार्थियों ने सीधे उच्च न्यायालय एवं औरंगाबाद व नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखल की. वहां पर कुल 344 विद्यार्थियों को पात्र ठहराया गया था.