* 15 दिनों से चल रही थी छापे की कार्रवाई, सात लोग गिरफ्तार
* एमडी ड्रग के खिलाफ दुनिया में अब तक सबसे बडी छापेमारी
मुंबई/दि.18- मुंबई पुलिस की एंटी नार्कोटिक सेल ने देश सहित दुनिया में अब तक की सबसे बडी कार्रवाई करते हुए विगत 15 दिनों के दौरान 1,214 किलो एमडी ड्रग की खेप को बरामद किया है. जिसकी कीमत बाजार में करीब 2,400 करोड रूपये बतायी गई है. इसके साथ ही मुंबई पुलिस के नार्कोटिक सेल से मुंबई के नालासोपारा व अंबरनाथ सहित गुजरात की अंकलेश्वर में केमिकल फैक्ट्री की आड लेकर एमडी ड्रग बनाने का कारखाना चलानेवाले प्रेमशंकर सिंह नामक मुख्य आरोपी के साथ ही ड्रग की खेप को इधर से उधर पहुंचानेवाले 6 प्रमुख पेडलरोें को अपनी हिरासत में लिया है. मुंबई पुलिस नार्कोटिक सेल द्वारा की गई जांच-पडताल में यह भी पता चला है कि, विगत चार वर्ष के दौरान इन लोगों ने लगभग डेढ टन एमडी ड्रग बनाकर उसे बेच दिया है. जिसकी कीमत करीब 3 हजार करोड रूपयों के आसपास आंकी गई है. ऐसे में अब मुंबई पुलिस की नार्कोटिक सेल द्वारा एमडी ड्रग के इस पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. जिसके तहत आरोपियों से पूछताछ करते हुए उनकी निशानदेही पर राज्य में अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की जा रही है.
बता देें कि, इसी वर्ष 29 मार्च को एंटी नार्कोटिक सेल ने शमसुल्ला खान नामक आरोपी को 250 ग्राम मेफेड्रोन यानी एमडी ड्रग के साथ पकडा था. जिसकी कीमत साढे 37 लाख रूपये थी. पश्चातत शमसुल्ला से पूछताछ के बाद मुंबई के गोवंडी इलाके से अयुब नामक शख्स को 4.14 करोड रूपये मूल्य की 2.70 किलो एमडी ड्रग के साथ पकडा गया. इन दोनों से पूछताछ के बाद रेश्मा चंदन नामक महिला आरोपी मुंबई पुलिस के हत्थे चढी. जिसने अपने दो सहयोगियों के बारे में जानकारी दी. इसमें से रियाज मेमन नामक एक आरोपी विगत 2 अगस्त को पकडा गया. वही 3 अगस्त को इस मामले में प्रेमशंकर सिंह के तौर पर सबसे अहम गिरफ्तारी, जो मुंंबई के नालासोपारा व अंबरनाथ सहित गुजरात के अंकलेश्वर में श्रेया केमिकल्स के नाम से अपनी केमिकल फैक्ट्री चलाता था. जहां पर चोरी-छिपे तरीके से एमडी ड्रग बनाने का काम चलता था. अंकलेश्वर स्थित कारखाने के चार मालिकों में से एक गिरीराज दीक्षित तथा अंबरनाथ की फैक्ट्री के मैनेजर किरण पवार को भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रेमशंकर सिंह की गिरफ्तारी के बाद नालासोपारा स्थित गोदाम से 702 किलो एमडी ड्रग बरामद की गई थी. जिसका बाजार मूल्य 1,400 करोड रूपये बताया गया. वहीं अंकलेश्वर स्थित कारखाने पर विगत 13 अगस्त को मारे गये छापे में 500 किलो एमडी ड्रग और इसे बनाने हेतु प्रयुक्त होनेवाला केमिकल बरामद किया गया.
* क्या होती है एमडी यानि ‘म्याऊं-म्याऊं’ ड्रग
एमडी ड्रग को मिथाइलीनन डाइऑक्सी मेथैमफेटामाइन और मेफेड्रोन को कई नामों से बेचा जाता है. लगभग हर देश में इसके कोड नेम हैं. इस ड्रग्स को सूंघकर और पानी में मिलाकर भी लिया जाता है. नशे के बाजार में इस तरह की एक ग्राम ड्रग की कीमत एक हजार से 2,500 रुपए तक है. नशा करने वालों के बीच इसके और भी कोड नेम हैं. इसे लेने के बाद दिमाग में नशा चढ़ता है. मदहोशी आती है. हालांकि ज्यादा मात्रा में एक साथ लेने पर यह जान के लिए खतरा तक बन सकती है. मेफेड्रोन को आमतौर पर ‘म्याऊं-म्याऊं’ के नाम से जाना जाता है. रेव पार्टियों में नशे के लिए इसका इस्तेमाल होता है. म्याऊं-म्याऊं का नाइजीरिया और अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. पार्टी ड्रग्स के तौर पर इसका भारत में भी इस्तेमाल होने के मामले सामने आ चुके हैं. रेव पार्टी में पहले एलएसडी यानी लिसर्जिक एसिड डायइथाइलअमाइड का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन ड्रग्स के लिए कड़े कानून बनने के बाद एमडीएमए और मेफेड्रोन का नशा ज्यादा प्रचलित हुआ है.
अमरावती सहित नागपुर से भी जुड रहे मामले के तार
– पिछले 24 घंटों से मुंबई नार्कोटिक सेल है अमरावती में
बता दें कि, महानगरों व बडे शहरोें के युवाओं में तेजी से लोकप्रिय होने के साथ-साथ एमडी ड्रग का नशा अमरावती जैसे छोटे शहरोें के युवाओें को भी अपनी गिरफ्त में ले चुका है और अमरावती व नागपुर जैसे शहरों में कई युवाओं द्वारा धडल्ले केे साथ इस मादक पदार्थ का सेवन किया जाता है. यह बात इससे पहले अमरावती में पकडी गई एमडी ड्रग की छोटी-मोटी खेपो के साथ उजागर हो चुकी है. हालांकि उस समय स्थानीय ड्रग तस्करों के लिंक कहां-कहां पर किस-किस नेटवर्क के साथ है. यह पता नहीं चल पाया है. लेकिन अब पता चला है कि, मुंबई पुलिस के एंटी नार्कोटिक सेल ने ड्रग तस्करों की जड खोदने के साथ-साथ इसकी सभी शाखाओं व पत्तियोें को खंगालने का काम शुरू कर दिया है. जिसके तहत अंबरनाथ व अंकलेश्वर में बनाई जानेवाली एमडी ड्रग वहां से निकलकर राज्य सहित देश में कहां-कहां बेची जाती थी, इसकी पडताल हो रही है. इसके तहत विगत 24 घंटों से मुंबई पुलिस के एंटी नार्कोटिक सेल की एक टीम अमरावती भी आयी हुई है. जिसके द्वारा अमरावती में ड्रग तस्करों के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. साथ ही साथ यह भी पता चला है कि, मुंबई पुलिस का एक दल नागपुर भी पहुंच चुका है, ताकि वहां पर भी ड्रग तस्करों के नेटवर्क का पता लगाया जा सके.