महाराष्ट्र

मुंबई के कोरोना कंट्रोल मॉडल की हो रही तारीफ

हम 12 करोड़ वैक्सीन डोज खरीदने को तैयार

मुंबई/दि.5 – मराठा आरक्षण (Maratha Reservation Case) के मुद्दे पर 5 मई (बुधवार) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुनाया. मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. मराठा आरक्षण रद्द करते हुए आज गायकवाड समिति की सिफारिश भी सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी. इसी सिफारिश के आधार पर मराठा समाज को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा माना गया था और इस सिफारिश के आधार पर देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने मराठा समाज को शिक्षा और नौकरी में 16 प्रतिशत आरक्षण दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी के केस पर दिए गए निर्णय को रिविजिट करने की जरूरत से इनकार कर दिया. 1992 के इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत तक निश्चित कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई राज्य सरकार किसी जाति विशेष को पिछड़ा होने की घोषणा नहीं कर सकती है, वो सिर्फ राष्ट्रपति से इसकी सिफारिश कर सकती है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस मुद्दे पर और कोरोना से जुड़े मुद्दे पर आज जनता से संवाद साधा. मराठा आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला निराशाजनक है. हमने राज्य से एकमत से मराठा आरक्षण का निर्णय लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया. हम हाईकोर्ट में कामयाबी से इस मुद्दे को ले गए. जिन वकीलों ने हाई कोर्ट में राज्य सरकार और मराठा समाज का पक्ष रखा था वही वकील सुप्रीम कोर्ट में भी पक्ष रख रहे थे. लेकिन आज का दिन निराशाजनक रहा. निराशा जरूर मिली है, लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे.

उद्धव ठाकरे ने कहा, “पहले तो मैं मराठा समाज को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने निर्णय के बाद विधि व्यवस्था को अपने हाथ में नहीं लिया और प्रशासन के साथ सहयोग किया. सुप्रीम कोर्ट ने गायकवाड कमीशन को भी खारिज कर दिया. अब क्या रास्ता है. रास्ता है. आगे उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार का नहीं है. यह अधिकार केंद्र सरकार का है.”
आगे मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से इन शब्दों में अपील की “अब मैं केंद्र सरकार से हाथ जोड़ कर विनती करता हूं कि अब आपने जिस तरह से आर्टिकल 370, शाहबानो मामला, अट्रॉसिटी ऐक्ट जैसे मामले में तत्परता दिखाई, वही तत्परता मराठा आरक्षण को लेकर भी दिखाएं. राज्य सरकार और मराठा समाज एक मत हैं. मैं विनती करता हूं कि इस भावना का सम्मान करें और जल्द से जल्द मराठा आरक्षण पर सकारात्मक निर्णय लें. महाराष्ट्र से जो सहयोग चाहिए होगा, हम हर संभव इस संबंध में सहयोग करेंगे.“
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की सभी पार्टियां, राज्य सरकार और मराठा समाज एकमत हैं और इन्हें न्याय दें. मेरी मराठा समाज से भी अपील है कि जो संयम आपने अभी तक दिखाया है, वही आगे भी दिखाएं. सरकार पर विश्वास रखें. सरकार आपकी लड़ाई आगे तक ले जाएगी.”
आगे मुख्यमंत्री ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज कोविड कंट्रोल करने में मुंबई मॉडल की तारीफ की है. यह यश जनता और प्रशासन का है. उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना का संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है. लेकिन कुछ जिलों में कोरोना का प्रसार तेजी से हो रहा है. आगे उन्होंने कहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका विशेषज्ञों ने जताई है. कोरोना की तीसरी लहर से सतर्क रहने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के बारे में मैं केंद्र पर आरोप नहीं करूंगा लेकिन इतना कहूंगा कि जैसे-जैसे हमें वैक्सीन उपलब्ध होगा हम वैक्सीनेशन की गति बढ़ाएंगे. 12 करोड़ डोज खरीदने की हमारी तैयारी है. रोज 6 लाख डोज की हमें जरूरत है. हमारी क्षमता रोज 10 लाख डोज वैक्सीनेशन की है.

‘मिशन ऑक्सीजन’ पर चल रहा काम

उन्होंने कहा कि हमें हर रोज 1700 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. हम रोज 1200 मेट्रिक टन उत्पादन कर पा रहे हैं बाकी हमें दूसरे राज्यों से मंगवाना पड़ रहा है. हमें कम से कम इस उत्पादन को 3000 मेट्रिक टन ले जाना है. हमने मिशन ऑक्सीजन के तहत इस बीड़ा को अपने कंधे पर उठाया है.

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