अहमदनगर/ दि.27– कर्जत तहसील के पिंपलवाडी निवासी 35 वर्षीय नितीन अंकुश पोटरे नामक लापता युवक की उसके ही दो मित्रों ने नहर के पानी में डूबाकर हत्या करने का सनसनीखेज पर्दाफाश हुआ है. आरोपी दोस्तों ने पहले मृतक के परिवारों को गुमराह किया. परंतु पुलिस के आगे आरोपियों का झूठ ज्यादा समय तक नहीं टिक सका. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. परंतु हत्या करने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हुआ. घटना के दिन तीनों दोस्तों ने एकसाथ शराब गटकी थी. पुलिस ने तहकीकात कर पिंपलवाडी निवासी आनंद बबन परहर व जावेद अब्बास शेख नामक दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, ऐसी जानकारी यहां के थानेदार चंद्रशेखर यादव ने दी.
जानकारी के अनुसार नितीन अंकुश पोटरे 23 जनवरी से लापता था. मित्रों के साथ जाने के बाद वापस लौटा ही नहीं था. इसके बाद उसके दोस्त गुमराह करने वाले जवाब दे रहे थे. जमकर खोज करने के बाद पोटरे की लाश बरामद हुई. आगे की तहकीकात में उसके ही मित्रों ने उसकी हत्या करने की बात उजागर होने के बाद दोनों आरोपी दोस्तों को बुधवार की रात गिरफ्तार कर लिया. इस बारे में महेश अंकुश पोटरे ने पुलिस थाने में शिकायत दी है. उन्होंने कहा कि घटना के दिन शाम 7 बजे नितीन पोटरे घर से बाहर निकला. उसने कहा कि आनंद परहर व जावेद शेख नामक दोस्तों के पास जाकर आता हूं, ऐसा घर में बताया था. मगर रात में वह वापस लौटा ही नहीं. उसे फोन करने का प्रयास भी किया, परंतु संपर्क ही नहीं हुआ. दूसरे दिन सुबह संजय पोटरे व उन्य रिश्तेदारों ने नितीन सब जगह खोज की, लेकिन कही भी पता नहीं चला. इस बीच जावेद शेख ने नितीन की मोटरसाइकिल घर लाकर खडी की. उसने पोटरे के घर के लोगों को बताया कि वह नितीन व आनंद तीनों लोग रात के वक्त साथ में थे. उन तीनों ने शराब पी थी. इसके बाद मैं नितीन की गाडी लेकर आगे आ गया. उसने खुब शराब पी ली थी, इसलिए वह आनंद परहर के साथ था. इस बारे में कुछ अधिक जानकारी नहीं है.
शेख के बताने पर संदेह बढ गया. इसके कारण पोटरे व उसके रिश्तेदार ने दूसरे मित्र आनंद परहर से पूछताछ की. उसने बताया कि, रात के 9 बजे मैंने नितीन को जावेद शेख के पास छोडा है, वहां से आगे क्या हुआ मुझे नहीं मालूम. जिसके कारण रहस्य और संदेह बढने लगा. पोटरे के रिश्तेदार पुलिस थाने में पहुंचे और शिकायत दी. दो दिन बाद तलवडी परिसर में येसवडी, कुकडी नहर के पानी में नितीन पोटरे की बरामद हुई. उसका चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था. रिश्तेदारों की सहायता से उसकी शिनाख्त हुई. इस दौरान पुलिस निरीक्षक यादव ने अपनी तहकीकात को गति दी. मुख्य संदेहास्पद उसके दो दोस्त थे. वे गुमराह कर रहे थे. अधुरी जानकारी दे रहे थे, आखिर पुलिस ने उन्हें पुलिसिया हाथ दिखाया, जिससे उनका झूठ जादा समय नहीं टीक पाया. उन्होंने ही हत्या की, यह उजागर होने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. परंतु उन दोनों ने पोटरे की हत्या क्यों की यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया.