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स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की जानकारी
मुंबई./दि. ५ – गुरूवार को राज्य में ८ हजार ६६ कोरोना पॉजिटीव मरीज ठीक होकर घर वापस गये है. एक ही दिन में बड़ी संख्या में मरीज ठीक होने की इस बार यह सुखद घटना है. राज्य में अभी तक कुल १७ लाख ३ हजार २७४ कोरोना पॉजिटीव ठीक होकर घर गये है. जिसके कारण राज्य में मरीज ठीक होने की संख्या ९२.७० प्रतिशत हो गई है. ऐसी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दी है. राज्य में दिन भर ५ हजार १८२ नये मरीजों का निदान हुआ है. जिसके कारण राज्य में बाधित मरीजों की कुल संख्या १८ लाख ३७ हजार ३५८ हो गई है. राज्य में विगत २४ घंटे में ११५ कोरोना पॉजिटीव मरीजों की मृत्यु हो गई. आज तक राज्य में कोरोना के कारण मरनेवाले की संख्या कुल ४७ हजार ४७२ हो गई है. फिलहाल राज्य में मृत्यु दर ०२.५८ प्रतिशत है,ऐसा टोपे ने बताया.
ऐसा नहीं हो सकता जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग ने अब एचआरसीटी जांच की जगह जानकारी लेनी चाहिए, ऐसा स्पष्ट किया है. जिसके कारण स्वतंत्र नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का बताया गया है. कोरोना की जांच की व उसकी रिपोर्ट पॉजिटीव आयी तो आयसोलेशन में रहना पड़ता है. वैसे ही उसकी जानकारी पालिका को देनी पड़़ती है. इस डर से स्कॅन, छाती का एक्सरा तथा एचआरसीटी की जांच की जाती है. मार्कर पध्दति की जांच में भी संक्रमण कितना है यह समझ में आता है. इस जांच में संक्रमण के प्रमाण समझ में आने पर भी कोरोना पॉजिटीव है.ऐसा दर्ज नहीं किया जाता है.जिसके कारण आरटीपीसीआर ही निश्चित निदान जांच करना ही चाहिए. इस ओर सरकार का ध्यान लगा है.
एचआरसीटी जांच किए गये मरीजों का पंजीयन सरकार के पास करना अनिवार्य नहीं था. कोरोना के लक्षण की जानकारी व जांच उपलब्ध होने से अस्पताल के डॉक्टर भी उनके पास उपचार के लिए आनेवाले मरीजों को यह जांच करने की सलाह दी व इस जांच के निष्कर्षनुसार कोरोना मरीजों पर किए जानेवाले उपचार करना है. आरटीपीसीआर व एंटीजन जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दर निर्धारित की है. इस जांच के कोई भी दर निर्धारित नहीं हुई. कोरोना के मरीज भी इस बंधन से छूट जाते है. जिसके कारण संक्रमण मरीज का पंजीयन नहीं होता.वह टालने के लिए सरकार ने निर्देश दिए है.