
मिरा रोड/दि.२० – अगले वर्ष महानगरपालिका के चुनाव है. वहीं शिवसेना में पद नियुक्ति को लेकर फिलहाल ईडी के चक्कर में फंसे विधायक प्रताप सरनाईक तथा मिरा-भाईंदर के जिला प्रमुख व जिला संगठक के बीच चल रहे विवाद उजागर हुए है. पालकमंत्री व शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के हाथों नियुक्ती पत्र देते हुए की गई नियुक्तियों को विधायक प्रताप सरनाईक ने संपर्क प्रमुख रहने के नाते रद्द कर दिया है. साथ ही जिला प्रमुख व जिला संगठन के नाम लिखित पत्र जारी करते हुए शिंदे के आदेश का उल्लेख कर उन नियुक्तियों को खारिज करने की बात कही है.
बता दें कि, रिपब्लिकन टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के खिलाफ नाईक आत्महत्या मामले से लेकर अभिनेत्री कंगना रणौत के आरोपों पर प्रत्युत्तर देनेवाले शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक व उनके परिवार के पीछे ईडी की जांच लगने के बाद से सरनाईक परिवार दिक्कतों में फंस गया है. जिसके चलते इन दिनों सर्वसामान्य शिवसैनिकों व नागरिकों के अलावा सेना के पदाधिकारी व पत्रकारों से भी वे सीधे संपर्क नहीं कर सकते. जबकि सरनाईक परिवार को शिवसेना के पार्टी प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे का बेहद नजदिकी माना जाता है. तीन बार शिवसेना की टिकट पर विधायक चुने गये प्रताप सरनाईक शिवसेना के मिरा-भाईंदर संपर्क प्रमुख है. किंतु मनपा में भाजपा ने अपने अकेले के दम पर सत्ता हासिल की. वहीं विधायक सरनाईक शिवसेना को सत्ता के आसपास भी नहीं ले जा पाये. मनपा व संगठन में सरनाईक हमेशा अपना वर्चस्व बनाये रखने का प्रयास करते रहते है. किंतु वहीं इससे गुटबाजी भी लगातार बढ रही है. इसी दौरान सरनाईक के ईडी की जांच में फंसने के बाद जिला प्रमुख प्रभाकर म्हात्रे व जिला संगठन स्नेहल सावंत ने पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों कई शिवसैनिकों को पदों पर नियुक्त करते हुए नियुक्ति पत्र वितरित किये थे. जिन्हेें अब संपर्क प्रमुख होने के नाते विधायक सरनाईक द्वारा रद्द किया गया है. ऐसे में अब शिवसेना में चल रहे अंदरूनी कलह उभरकर सामने आ गई है.