मेरे पिता की हत्या राजनीतिक द्वेष के कारण की गई, क्या यह सच नही?
ओमराजे निंबालकर का पद्मसिंह पाटिल समेत परिवार पर प्रहार
धाराशिव/दि.04-क्या यह सच नहीं है कि मेरे पिता की हत्या राजनीतिक द्वेष के कारण की गई थी? मैं अपने पिता की हत्या का बदला लेना चाहता हूं. लेकिन यह बदला मैं लोकतांत्रिक तरीके से लूंगा ऐसा कहते हुए धाराशिव लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के उद्धव ठाकरे गुट के उम्मीदवार ओमराजे निंबालकर ने पद्मसिंह पाटिल सहित उनके परिवार का हमला बोला है. इतना ही नहीं केंद्र में अमित शाह और राज्य में देवेंद्र फडणवीस गृह मंत्री हैं. ओमराजे निंबालकर ने उनसे पवन राजे हत्या मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजने और दो महीने के भीतर फैसला सुनाने और सारी सच्चाई सामने लाने की भी अपील की है.
धाराशिव लोकसभा क्षेत्र से सांसद ओमराज निंबालकर को एक बार फिर उद्धव ठाकरे गुट की ओर से उम्मीदवार बनाया गया है. उनके खिलाफ अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की अर्चना पाटिल मैदान में हैं. अर्चना पाटिल पद्मसिंह पाटिल की बहू हैं. मैं पद्मसिंह पाटिल, राणा जगजीतसिंह पाटिल को पहले ही हरा चुका हूं. इसलिए अर्चना पाटिल को भी हराएंगे, ओमराजे निंबालकर ने कहा.
मैं राजनीति में नहीं आना चाहता था. लेकिन इन लोगों ने मेरे पिता की हत्या करके मुझे राजनीति में आने के लिए मजबूर कर दिया है. ओमराजे निंबालकर ने यह भी दावा किया है कि वह शपथ लेकर राजनीति में आये हैं. मैं अपने पिता का बदला लेना चाहता हूं. हालांकि, उन्होंने पद्मसिंह पाटिल और उनके परिवार को चेतावनी दी है कि वह इसे लोकतांत्रिक तरीके से लेंगे.
* धाराशिव में एक ही परिवार का महागठबंधन
धाराशिव में एक ही परिवार का महागठबंधन नजर आ रहा है. पद्मसिंह पाटिल और उनका परिवार धाराशिव जिले में 40 साल से सत्ता में है. हालांकि, इन 40 वर्षों में, पद्मसिंह पाटिल और उनके परिवार की संपत्ति में वृद्धि हुई, लेकिन जिला गरीब बना रहा, ऐसा ओमराज निंबालकर ने आरोप लगाया है. उन्होंने पाटिल परिवार पर अपने स्वार्थ के लिए धाराशिव जिले को गरीब बनाए रखने का भी आरोप लगाया. राणा जगजितसिंह पाटिल भाजपा में है तथा उनकी पत्नी अर्चना पाटिल राष्ट्रवादी कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड रही है. यानी धाराशिव में केवल एकही परिवार में महागठबंधन है, ऐसा दिखाई देता है. यह स्वार्थ की राजनीति होकर मतदाता ऐसे स्वार्थी राजनीति को कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसा ओमराजे निंबालकर ने कहा.