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नैक की अनदेखी करना पडेगा भारी

विद्यापीठों को महाविद्यालयों की संलग्नता निकालने के आदेश जारी

मुंबई/दि.26 – महाविद्यालयों में उपलब्ध सुविधाएं, शैक्षणिक गुणवत्ता का स्तर एवं पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता व उपयोगिता को अधोरेखित करने वाला नैक मूल्यांकन नहीं करवाने वाले अथवा इसकी प्रक्रिया भी शुरु नहीं करने वाले अनुदानित व निजी महाविद्यालयों की संलग्नता को हटा लिया जाए. इस आशय का निर्देश राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. शैलेंद्र देवलानकर ने बुधवार को जारी किए, ऐसे मेें अब नैक मूल्यांकन को लेकर टालमटोल करने वाले महाविद्यालयों की समस्याएं बढ जाएगी. जिसके चलते उन महाविद्यालयों में अगले वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया नहीं हो पाएंगी.
बता दें कि, राज्य के विद्यापीठों व कॉलेजों को अपनी गुणवत्ता वृद्धि के साथ ही वैश्विक स्पर्धा में टीके रहने हेतु ‘नैक’ का मूल्यांकन करना अनिवार्य होता है. नैक मूल्यांकन करने वाले कॉलेजों मेें शैक्षणिक गुणवत्ता, आवश्यक सेवाओं तथा मूलभूत सुविधाओं का स्तर रखा जाता है. देश के सभी विद्यापीठों व महाविद्यालयों के लिए ‘नैशनल असेसमेंट एण्ड एक्रीडिटेशन काउंसिल’ यानि नैक से अपना मूल्यांकन करवाना जरुरी होता है. विद्यापीठों व महाविद्यालयों द्बारा नैक मूल्यांकन व पुनर्मूल्याण करवाया जाए, इस हेतु विद्यापीठ अनुदान आयोग के समय-समय पर आवश्यक निर्देश जारी किए जाते है. साथ ही महाराष्ट्र सार्वजनिक विद्यापीठ अधिनियम के मुताबिक भी यह मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन करवाना आवश्यक है. परंतु देश सहित राज्य के आधे से अधिक कॉलेजों ने नैक के मूल्यांकन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की है. राज्य के 3,346 कॉलेजों में से केवल 1,380 कॉलेजों ने मार्च माह के अंत तक नैक का मूल्यांकन किया था, ऐसी जानकारी अधिकारियों से प्राप्त हुई है. वहीं कई महाविद्यालयों की नैक वैधता खत्म हो चुकी है और उन्होंने अब तक पुनर्मूल्यांकन नहीं करवाया है. ऐसे में राज्य में इस समय 50 फीसद से अधिक अनुदानित महाविद्यालय नैक मूल्यांकन के बिना ही चल रहे है. ऐसी जानकारी उच्च शिक्षा विभाग द्बारा किए गए सर्वे में सामने आयी है. जिसे उच्च शिक्षा विभाग ने बेहद गंभीरता से लेते हुए राज्य के सभी विद्यापीठों के नाम निर्देश जारी कर कहा है कि, जिन महाविद्यालयों ने नैक का मूल्यांकन नहीं करवाया है. अथवा इस हेतु प्रक्रिया भी शुरु नहीं की है. ऐसे महाविद्यालयों की विद्यापीठ के साथ संलग्नता को समाप्त किया जाए.

राज्य में कॉलेज – 3,346
मूल्यांकन प्राप्त कॉलेज – 1,380

* नैक मूल्यांकन (31 मार्च तक)
कॉलेज का प्रकार कुल कॉलेज मूल्यांकन प्राप्त कॉलेज
सरकारी 28 24
अनुदानित 1,177 1,108
बिना अनुदानित 2,141 248

* सन 2016 के विद्यापीठ कानून के अनुसार नैक मूल्यांकन करवाकर लेना विद्यापीठों की प्राथमिक जवाबदारी है. ऐसे में जिन महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन अथवा पुनर्मूल्यांकन नहीं करवाया है, या इसकी प्रक्रिया भी शुरु नहीं की है. उनकी संलग्नता को विद्यापीठों द्बारा खत्म किया जाना चाहिए.
– डॉ. शैलेंद्र देवलानकर,
उच्च शिक्षा संचालक

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