महाराष्ट्र

नागपुर से कनाडा मानव तस्करी का रैकेट

60 लाख में पहुंचाते थे चोरी छिपे विदेश

* मुंबई, और वडोदरा में ईडी की छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज से हुआ खुलासा
मुंबई/दि. 26-मानव तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया है कि दौ गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) और ट्रावेल एजेंट अमेरिका जाने के इच्छुकों को अवैध तरीके से वहां भेजने का व्यवसाय चला रहे थे.यह एजेंट प्रति व्यक्ति 50 से 60 लाख रूपए वसूलते थे. अमेरिका पहुंचाने के लिए कनाडा का रूट अपनाया जाता था. ईडी की अहमदाबाद यूनिट में मानव तस्करी के मामले में मुंबई नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा में 10 दिसंबर और 19 दिसंबर को छापेमारी की थी.
इस दौरान एजेंसी ने 19 लाख की नकदी, मानव तस्करी से संबंधित दस्तावेज, वाहन और डिजिटल डिवाइस बरामद किए थे. इन साक्ष्यों के आधार पर की गई जांच के बाद ही कनाडा के जरिए अमेरिका पहंचाने का अवैध चैनल संचालित करने की सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ था. ईडी जांच के अनुसार भारत से अमेरिका भेजने के लिए मुंबई और नागपुर की दो संस्थाओं (गैर सरकारी संगठन) ने विदेशी विश्वविद्यालायों से विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाने के लिए करार किया था. इसमें कनाडा के 12 कॉलेजों ने एक संस्था जबकि कनाडा के 150 से ज्यादा कॉलेजों ने दूसरी संस्था से करार किया था. दोनों संस्थाओं के 800 सक्रिय एजेंट थे. ईडी की जांच के अनुसार अमेरिका जाने के इच्छुक लोगों को विद्यार्थी बताकर कनाडा कॉलेजो में प्रवेश दिलाया जाता था. कनाडा पहुंचने पर लोग अवैध तरीके से सीमा पार करके अमेरिका पहुंच जाते थे. इसके लिए एजेंट प्रति व्यक्ति 50 से 60 रूपए वसूलते थे.
गुजरात के डिंगुजा गांव के चार लोगों का 19 जनवरी 2022 को अमेरिका- कनाडा सीमा पर शव बरामद हुआ था. इस मामले में गुजरात क्राइम ब्रांच के पास एफआई आर दर्ज थी. जिसमें भावेश अशोक पटेल समेत कई लोग आरोपी है. ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी.

 

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