महाराष्ट्र

विधानपरिषद की १२ सीटों के लिए नाम फाइनल

किसकी लगेगी लॉटरी, कौन होगा मायूस

मुंबई/दि.२७ – महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (Maharashtra Vikas Aghadi) सरकार में शामिल दलों ने विधान परिषद (Legislative Council) की खाली 12 सीटों पर मनोनीत (Nominated) किए जाने वाले नेताओं के नाम फाइनल कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में इन नामों पर मुहर लगाई जा सकती है. कैबिनेट के अप्रूवल के बाद इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) के पास भेजा जाएगा.
विधान परिषद की 12 खाली सीटों के लिए पिछले कई महीनों से लॉबिंग तेज थी. मविआ में शामिल शिवसेना(Shivsena) , कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) के बीच 12 सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ था. कांग्रेस तीनों दलों के बीच बराबर की सीटों के बंटवारे पर अड़ी थी, जबकि शिवसेना विधानसभा में सदस्यों के मुताबिक सीटों का बंटवारा चाहती थी. कांग्रेस का कहना था कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने में उनकी पार्टी की भूमिका अहम थी, इसके बावजूद मंत्रिमंडल में उन्हें मलाईदार विभाग नहीं मिले. ऐसे में विधान परिषद में उन्हें बराबर की हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.

खड़से, नसीम और सावंत प्रबल दावेदार

विधान परिषद की 12 सीटों के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के अंदर कई प्रबल दावेदार हैं. एनसीपी के अंदर हाल ही में बीजेपी छोड़ कर पार्टी में शामिल हुए एकनाथ खड़से और स्वाभिमानी शेतकरी पक्ष के राजू शेट्टी का नाम तय माना जा रहा है. इसके अलावा गायक आनंद शिंदे की दावेदारी को प्रमुख माना जा रहा है. कांग्रेस के अंदर पूर्व मंत्री नसीम खान, प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत, पुणे कांग्रेस के नेता मोहन जोशी के अलावा प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सत्यजीत तांबे का नाम फाइनल माना जा रहा है. सत्यजीत तांबे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात के भांजे हैं.

शिवसेना में अहिर, शिंदे और मिलिंद का नाम आगे

शिवसेना कोटे से वर्ली विधानसभा सीट से पूर्व विधायक सुनील शिंदे का नाम सबसे आगे है. शिंदे ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के युवा नेता आदित्य ठाकरे के लिए अपनी सीट की कुर्बानी दी थी. ऐसे में उन्हें इनाम के रूप में विधान परिषद भेजा जाना तय है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनसीपी मुंबई अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर शिवसेना में शामिल होने वाले सचिन अहिर की भी लॉटरी लगनी तय है. वर्ली से पूर्व विधायक अहिर ने भी आदित्य की जीत सुनिश्चित करने के लिए इस सीट से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. इसके अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर भी प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं.

राज्यपाल का फैसला काफी अहम

हाल के दिनों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ हुई खटपट के बाद नए सदस्यों को मनोनीत करने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का फैसला काफी अहम माना जा रहा है. 12 सदस्यों की नियुक्ति में हो रही देरी के लिए राज्यपाल ने ठाकरे सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा लिस्ट नहीं भेजे जाने की वजह से इसमें देरी हो रही है.

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