मुंबई/दि.४– औरंगाबाद नामांतर का मुद्दा राज्यभर में गूंज रहा है. औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर करने के लिए शिवसेना ने कदम उठाते ही सत्ता में शामिल कांग्रेस ने विरोध जताया. महाविकास आघाडी सरकार के मतभेदों पर भाजपा ने शिवसेना पर निशाना साधा. वहीं अब औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर भाजपा ने आक्रमक भूमिका ली है. वहीं अब वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने भी अपना बयान दिया है.
लेकिन आंबेडकर ने औरंगाबाद नहीं बल्कि पुणे जिले का नामकरण संभाजीनगर करने की मांग की है. उन्होंने दोनों जिले के ऐतिहासिक घटनाओं का भी संदर्भ दिया. प्रकाश आंबेडकर ने औरंगाबाद का नाम बदलकर वह संभाजी नगर करने पर आपत्ति भी जतायी है.
उन्होंने कहा कि औरंगाबाद यह ऐतिहासिक शहर है. मुगल दौर में औरंगाबाद दूसरी राजधानी थीं और उसका ऐतिहासिक महत्व बरकरार रहना चाहिए. पुणे और छत्रपति संभाजी महाराज का गहरा रिश्ता है. पुणे में संभाजी महाराज पर अंतिम संस्कार हुआ था. पुणे जिले के वडूज गांव में उनकी समाधि भी है. इसीलिए संभाजी महाराज का स्मरण रखने के लिए पुणे को संभाजी महाराज का नाम दिया जाए. आंबेडकर ने कहा कि जब भाजपा-शिवसेना की सरकार थी, तब औरंगाबाद शहर का नाम क्यों नहीं बदला गया.