नांदगांव में भारतीय संविधान और राजनीति विषय पर राष्ट्रीय परिषद
डॉ. नितिन धांडे ने किया मार्गदर्शन

* राज्यशास्त्र व लोकप्रशासन परिषद का दो दिवसीय अधिवेशन
नांदगांव खंडेश्वर/दि.4-महाराष्ट्र राज्यशास्त्र व लोकप्रशासन परिषद का 41 वां दो दिवसीय अधिवेशन और भारतीय संविधान व राजनीति इस विषय पर अंतरविद्याशाखीय राष्ट्रीय परिषद यहां के प्रा. राजाभाऊ देशमुख कला महाविद्यालय व बॅ.आर.डी.आय.के
.अॅण्ड एन.के.डी.महाविद्यालय, बडनेरा रेल्वे के संयुक्त तत्वावधान में प्रा.राजाभाऊ देशमुख कला महाविद्यालय,नांदगाव खंडेश्वर में आयोजित की गई. विदर्भ यूथ वेलफेअर सोसायटी के अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के मुख्य प्रवर्तक डॉ. नितिन धांडे की अध्यक्षता में परिषद का उद्घाटन समारोह हुआ. राज्य के उच्च शिक्षण संचालक प्रा.डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर उद्घाटक के रूप में तथा प्रमुख अतिथि के रूप में राष्ट्रीय संमेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा.डॉ. वकील ताज शेख, शिक्षण विभाग के सहसंचालक प्रा.डॉ. केशव तुपे, राजनीतिक विश्लेषक प्राचार्य पी.डी.आप्पा देवरे, महाराष्ट्र राज्य लोकप्रशासन परिषद के अध्यक्ष प्रा.डॉ. संजय वाघ, परिषद के सचिव प्रा. संभाजी पाटील, प्राचार्य डॉ. प्रमोद पवार, प्राचार्य डॉ. मनोहर पाटील, प्राचार्य डॉ. कुसुम पवार, प्राचार्य डॉ. अल्का देशमुख सहित परिषद के सहसचिव प्रा.डॉ.वकार शेख विशेष निमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
उद्घाटन समारोह के पश्चात बीजभाषण संमेलन अध्यक्ष प्रा.डॉ.वकार ताज शेख ने रखा. कार्यक्रम का निवेदन प्रा. ज्ञानेश्वर गटकल और प्रा. रुपेश फुके ने किया. उच्च शिक्षा संचालक प्रा.डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर और परिषद के अध्यक्ष प्रा.डॉ. संजय वाघ और पदाधिकारियों के हाथों डॉ. नितिन धांडे को स्मृतिचिह्न, पुष्पगुच्छ व मानचिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया. राष्ट्रीय परिषद का समापन समारोह शहीद भगतसिंग फांऊडेशन की प्राचार्य डॉ. कुसुम पवार-मोरे की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. इस अवसर पर बतौर अतिथि संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ मानव विज्ञान विद्याशाखा अधिष्ठाता प्रा.डॉ. मोना चिमोटे उपस्थित रही. राष्ट्रीय परिषद के आयोजन के लिए परिषद के संयोजन सचिव प्राचार्य डॉ. प्यारेलाल सूर्यवंशी, प्रा.डॉ. राजेश देशमुख, प्रा.डॉ. नितिन टाले, प्रा.डॉ. अनुराधा कदम, प्रा.डॉ. प्रदीप दंदे और प्रा.डॉ. प्रशांत विघे, प्रा.डॉ. प्रिया बोचे, प्रा.डॉ. विनेाद गायकवाड, प्रा. सचिन पाटील, प्रा. गजानन काकडे, प्रा. सचिन खेडकर, तथा विविध क्षेत्र के व्यक्तियों के परिश्रम से राष्ट्रीय शैक्षणिक उपक्रमों का सफलतापूर्वक समापन किया.