12 दिन बाद जेल से बाहर आयी नवनीत राणा
जमानत मिलने पश्चात भायखला की जेल से हुई रिहाई
मुुंबई/दि.5– मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के आवास के सामने हनुमान चालीसा पढने की जिद के चलते विभिन्न धाराओं सहित राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार की गई अमरावती जिले की सांसद नवनीत राणा को गत रोज मुंबई की अदालत द्वारा जमानत दी गई. ऐसे में करीब 12 दिनों तक न्यायिक हिरासत के तहत जेल में रहनेवाली सांसद नवनीत राणा को आज सुबह भायखला की महिला जेल से रिहाई मिली है. जिसके तुरंत बाद वे अपनी स्वास्थ्य जांच कराने हेतु अस्पताल के लिए रवाना हो गई. बता दें कि, सांसद नवनीत राणा ने सीने में दर्द रहने की शिकायत की थी. जिसके चलते उन्हें जेल से रिहा किये जाते ही स्वास्थ्य जांच हेतु अस्पताल ले जाया गया.
उल्लेखनीय है कि, सांसद नवनीत राणा तथा उनके पति व विधायक रवि राणा द्वारा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के आवास के सामने हनुमान चालीसा पढने की घोषणा की थी. जिसके बाद मुंबई में शिवसैनिक भी आक्रामक हो गये थे. अब कानून व व्यवस्था की स्थिति के बिगडने का खतरा पैदा हो गया था. जिसके चलते मुंबई पुलिस ने राणा दम्पति को उनके खार परिसर स्थित आवास से गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं सहित देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. विगत 23 अप्रैल को हिरासत में लिये जाने के बाद से अब तक राणा दम्पति मुंबई की दो अलग-अलग जेलों में बंद थे. जिन्हें गत रोज ही मुंबई की अदालत द्वारा जमानत देना मंजूर किया गया.
* जमानत के बाद मिली एक और बडी राहत
– जाति वैधता मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
उल्लेखनीय है कि, अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित अमरावती संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतनेवाली सांसद नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र को लेकर भी सवालिया निशान उठाये गये है और बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सांसद नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र को खारिज करते हुए उन्हें जुर्माना भरने का आदेश काफी पहले दिया गया था. इस फैसले को सांसद नवनीत राणा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जहां पर आज गुरूवार 5 मई को सुनवाई होनेवाली थी. किंतु ऐन समय पर सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई को आगे टाल दिया है और अब अगली सुनवाई जुलाई माह में होगी. ऐसे में फिलहाल सांसद नवनीत राणा को इस मामले में भी करीब दो माह की राहत मिल गई है. हालांकि इस बात को लेेेकर उत्सूकता बनी हुई है कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में क्या फैसला सुनाया जायेगा. यदि सुप्रीम कोर्ट ने सांसद नवनीत राणा के पक्ष में फैसला सुनाया, तब तो ठीक है, अन्यथा यदि सर्वोच्च अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को कायम रखा, तो नवनीत राणा का निर्वाचन अवैध साबित होकर उनकी संसद सदस्यता खत्म हो जायेगी. ऐसे में इस मामले की ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.