मुंबई/दि.4– आगामी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर महागठबंधन के तीनों दलों में समन्वयक अधिक बढाने की अपेक्षा तीनों दलों की संयुक्त बैठक में व्यक्त की गई. राज्य की महागठबंधन सरकार के शिवसेना, भाजपा और एनसीपी ऐसे तीनों प्रमुख घटक दलों की बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के वर्षा निवासस्थान पर संपन्न हुई. इस बैठक में पार्टी के मंत्री, विधायक और सांसद उपस्थित थे.
राज्य के मराठा आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि पर इन तीनों दलों की संयुक्त बैठक वर्षा बंगले पर संपन्न हुई. इसमें सर्वप्रथम उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण आंदोलन और इन निमित्त राज्य सरकार ने की उपाययोजना की समीक्षा की.
पश्चात राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने अपनी राय रखी. प्रमुख रुप से तीनों घटक दलों का समन्वय अधिक बढाने के प्रयास करने की आवश्यकता उन्होंने व्यक्त की. मराठा आरक्षण दिलवाने राज्य सरकार ने कौन से कदम उठाए इस बाबत जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दी. राज्य सरकार ने सामने आकर अपना प्रतिनिधि मंडल उनसे चर्चा करने भेजा. उस समय पूर्व न्यायाधीश तथा मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने उन्हें कानूनी बात समझाकर बताई. पश्चात जरांगे पाटिल ने अपना अनशन समाप्त किया. साथ ही मराठा आंदोलन के दौरान आगजनी करने वालों पर कडी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, ऐसा भी उन्होंने कहा. मराठा आंदोलन और अब आगामी लोकसभा चुनाव तक तीनों दलों में समन्वय अधिक बढाने की आवश्कता है, ऐसा भी मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा. साथ ही सरकार व्दारा लिए गए निर्णय और नए प्रकल्पों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए मंत्री और विधायकोें को दौरे करने, गांव स्तर पर स्थित कार्यकर्ताओं में समन्वय बढाने के लिए प्रयास करने की बात भी शिंदे ने स्पष्ट की. पश्चात विधायक आशीष शेलार ने सभी का आभार माना.
* अमोल कोल्हे अजीत पवार गुट में
शिरुल के सांसद डॉ. अमोल कोल्हे ने शरद पवार गुट का साथ छोडकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के गुट का समर्थन किया है. इस संबंध में प्रतिज्ञापत्र भी डॉ. कोल्हे ने दिया, ऐसी जानकारी राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष सांसद सुनील तटकरे ने शुक्रवार को दी.
* आंदोलन से सीएम नाराज
बैठक में एनसीपी के अजीत पवार गुट के आंदोलन पर मुख्यमंत्री ने नाराजी व्यक्त की बताई जाती है. सत्ता में रहते जिस तरह आंदोलन किया गया वह उचित नहीं है, ऐसा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा. सत्तारुढ सदस्यों व्दारा आंदोलन किया गया तो नागरिकों में गलत संदेश जा सकता है. मंत्रालय में ऐसा आंदोलन करना उचित नहीं है. ऐसे आंदोलन के कारण महागठबंधन में समन्वय न रहने का संदेश जा सकता है. महागठबंधन के रुप में हम सब ने इसी परिस्थिति में एकजुट रहना चाहिए, ऐसा मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा रहने की सूत्रों ने जानकारी दी.