नागपुर/दि.30– एक दूसरे पर परिवार वाद का आरोप लगानेवाली लगभग सभी राजनीति पार्टियों ने अपने नेताओं के करीबी रिश्तेदारों को उम्मीदवारी दी हैं. जिसमें भाजपा की ओर से वरोरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व मंत्री स्व. संजय देवतले के पुत्र करण देवतले को टिकट दिया गया. वहीं सतत 20 सालों से कांग्रेस पार्टी से विधायक व मंत्री रहे कांग्रेस द्बारा उम्मीदवारी न दिए जाने से कांग्रेस से भाजपा में आए. स्व. प्रभाकर दटके के बेटे प्रवीण दटके को नागपुर से उम्मीदवारी दी गई. स्व. प्रभाकर दटके की पहचान शिक्षक संघ के नेता व नागपुर शिक्षक सहकारी बैंक के संस्थापक के रूप में थी.
उसी प्रकार कांग्रेस के पूर्व मंत्री रहे सुनील केदार की धर्म पत्नी अनुजा केदार को कांग्रेस ने सावनेर निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया. कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री शिवाजी मोघे के पुत्र जीतेंद्र मोघे को यवतमाल जिले के आर्णी से उम्मीदवारी दी. वर्धा जिले की आर्वी विधानसभा से राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) ने सांसद अमर काले की पत्नी मयूरा काले को टिकट दिया. वर्धा से स्व. प्रमोद शेंडे के पुत्र शेखर शेंडे को तथा अकोला जिले की आकोट विधानसभा से पूर्व विधायक सुधाकर गणगणे के पुत्र महेश गणगणे को उम्मीदवार बनाया गया. वाशिम जिले के कारंजा से पूर्व विधायक स्व. राजेंद्र पाटनी के बेटे ज्ञायक पाटनी को राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) से उम्मीदवारी दी गई. चंद्रपुर की सांसद प्रतीभा धानोरकर के भाई प्रवीण काकडे को कांग्रेस की ओर से वरोरा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवारी दी गई है.