गांवों में सेवा देने नए डॉक्टर हों तैयार
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का प्रतिपादन

मुंबई/दि.6 – विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि मुझे दुख है कि नए डॉक्टर ग्रामीण इलाकों के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने के लिए तैयार नहीं होते. उन्होंने कहा कि नए डॉक्टरों को युवा अवस्था में ही अपनी मातृभूमि में सेवाएं देनी चाहिए. हमारी प्रेरणा धन नहीं बल्कि ज्ञान और सेवा होनी चाहिए.
रविवार को सातारा के कराड के एक निजी मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में फडणवीस ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार में नए डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने के लिए तैयार नहीं थे. इस कारण सरकार के सामने गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना बडी चुनौती थी. इसके मद्देनजर सरकार ने टेलीमेडिसिन योजना शुरु की थी. तकनीकी की मदद से डॉक्टरों को गांवों के सरकारी अस्पतालों से ऑनलाइन जोडा गया. इससे डॉक्टरों ने शहर में रहते हुए गांवों के मरीजों के इलाज में सहयोग देना शुरु किया. फडणवीस ने कहा कि हमने एक दौर ऐसा भी देखा था जब मेडिकल कॉलेज में पढाई पूरी करने के बाद डॉक्टर कुछ समय तक अपने गांव और जिले में सेवाएं देने के लिए तैयार रहते थे. लेकिन अब हम पर व्यावसायिकता (प्रोफेशनलिज्म) और स्पर्धा बडे पैमाने पर हावी हो गई है. हर व्यक्ति को गति से दौडना है. लेकिन हमारे गति से दौडने के बाद यदि समाज का कोई तबका पीछे छूट गया तो उसका कोई मतलब नहीं रहेगा. इसलिए डॉक्टरों को सभी लोगों तक सेवाएं पहुंचानी चाहिए. फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रुप में तब्दील करने का फैसला किया है. इससे देश में सबसे अधिक निवेश स्वास्थ्य आधारभूत संरचना के क्षेत्र में होगा. एक साल में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में 2 लाख 13 हजार करोड रुपए का निवेश होगा. इस निवेश के अनुरुप मानव संसाधन की आवश्यकता पडेगी.