नई दिल्ली/दि.१२ – वर्ष २०२२ में देश के स्वतंत्रता का अमृत मोहत्सवी वर्ष मनाते समय देशभर के विद्यार्थी नए राष्ट्रीय शैक्षिणक नियोजन अंतर्गत (एनईपी) नए अभ्यासक्रम की पढाई करेंगे, ऐसी जानकारी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में बोलते समय दी.
नया नियोजन २१ वे शतक के भारत को नई दिशा प्रदान करने वाला साबित होगा. इस यात्रा में शिक्षक बडबडाने की भूमिका अपनाएंगे, ऐसा उन्होंने कहा. इस समय उन्होंने बच्चों को कम से कम ५वीं तक मातृभाषा में पढाई करने पर खास जोर दिया है. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षण नियोजन २०२० अंतर्गत २१ वे शतक के शालेय शिक्षा इस विषय पर आयोजन एक सम्मेलन को संबोधित किया. उसमें उन्होंने केंद्र सरकार एनईपी अंतर्गत हिंदी भाषा को प्रोत्साहन दिये जाने का विरोधकों का आरोप खारिज किया. नये शिक्षा नियोजन में कोई भी भाषा सिखाने पर बंदी नहीं. बच्चों को अंग्रेजी या अन्य कोई भी अंतरराष्ट्रीय भाषा सिखते आयेगा. इसपर किसी को कोई विपत्ति नहीं. मगर इसके साथ ही भारतीय भाषा को प्रोत्साहन देना जरुरी है, ऐसा भी कहा.
नये शिक्षा नियोजन भारत की नई अपेक्षा की नई जरुरत को पूरा करने का माध्यम है. इस यात्रा में शिक्षकों की भूमिका बढाने वालों जैसी रहेगी. अब तक हमारे देश में अंक या अंकपत्रिका के आधार पर शिक्षा व्यवस्था आगे बढ रही थी. मगर अब हमारे शिक्षा में आसान व नये-नये पध्दति का उपयोग करना पडेगा. नये शैक्षणिक नियोजन व्दारा नये युग की बुआई की गई है. यह नियोजन २१ वें शतक के भारत को नई दिशा प्रदान करेंगा, ऐसा भी मोदी ने कहा. देश अपना ७५वां स्वतंत्रता दिन मनाते समय देशभर के विद्यार्थी नये शैक्षणिक नियोजन अंतर्गत तैयार किये गए अभ्यास की पढाई कर अपने नए भविष्य की ओर कदम बढाएंगे. यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. एनईपी में विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रीत किया गया है. उसमें संशोधन, गतिविधि व मनोरंजन पध्दति से सिखाने पर जोर दिया गया है. पिछले तीन दशक में दुनिया के हर क्षेत्र बदले, व्यवस्था बदली परंतु शिक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ. वह पुराने रास्ते से ही शुरु था. नये नियोजन लागू करने के अभियान में प्राचार्य, शिक्षक उत्साह के साथ भाग ले रहे है, ऐसा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वक्त कहा.