महाराष्ट्र

सचिन वाजे के करीबी रियाज काजी को NIA ने किया अरेस्ट

सचिन वाजे के करीबी रियाज काजी को NIA ने किया अरेस्ट

 मुंबई/दि. ११ – सचिन वाजे के सहयोगी असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रियाजुद्दीन काजी को NIA ने अरेस्ट कर लिया है. प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक से भरी कार और उस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या प्रकरण में यह सचिन वाजे के बाद दूसरी गिरफ्तारी है. रियाज काजी से NIA ने कई बार पूछताछ की है. सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद रियाज काजी NIA के राडार पर था.
ऐसी जानकारी सामने आई है कि रियाज काजी को NIA ने साजिश में शामिल होने और सबूत मिटाने में अहम भूमिका निभाने के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. कुछ दिनों पहले यह भी खबर आई थी कि रियाजुद्दीन काजी सरकारी गवाह बनना चाह रहा है. लेकिन इन सभी खबरों को विराम देते हुए NIA ने आखिरकार काजी को अरेस्ट कर लिया.

रियाजुद्दीन काजी 2010 के पुलिस सब इंस्पैक्टर बैच में नियुक्त पुलिस अधिकारी है. काजी 2010 के 102 वें बैच का अधिकारी है. काजी की पहली पोस्टिंग वर्सोवा पुलिस स्टेशन में की गई थी. इसके बाद दूसरी पोस्टिंग ऐंटी चेन स्नैचिंग विभाग में की गई थी. इसके बाद उसकी पोस्टिंग पुलिस सब इंस्पेक्टर से असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर के तौर पर हुई और वह मुंबई क्राइम ब्रांच के सीआईयू यूनिट में आ गया.
पिछले साल 9 जून को सचिन वाजे ने सीआईयू के इंचार्ज का पदभार संभाला तब से लेकर अब तक काजी सचिन वाजे के साथ ही काम कर रहा था और उसके हर काम में हाथ बंटाता था. वाजे के सबसे करीबी सहयोगी के रूप में इसे पहचाना जाता है.
सचिन वाजे साथ कार्यरत रहे रियाजुद्दीन काजी और प्रकाश ओव्हाल से NIA लगातार पूछताछ कर रही है. अभी कुछ ही दिनों पहले रियाजुद्दीन काजी की सशस्त्र पुलिस दल और प्रकाश ओव्हाल को मलाबार हिल पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया गया था.

सीआईयू यूनिट में काम करते हुए रियाजुद्दीन काजी सचिन वाजे के साथ कई अहम जांच में शामिल रहा. इनमें टीआरपी घोटाले की जांच, डीसी अवंति कार घोटाला, फेक सोशल मीडिया फॉलोअर्स प्रकरण और कंगना-ऋतिक विवाद शामिल हैं. खास कर अर्णब गोस्वामी को रायगढ़ पुलिस ने जो अरेस्ट किया था, उस मामले में सीआईयू यूनिट ने जो रायगढ़ पुलिस की मदद की थी उसमें भी रियाज काजी ने सचिन वाजे के साथ अहम भूमिका निभाई थी.
मुकेश अंबानी के घर के बाहर रखी विस्फोटक से भरी कार प्रकरण में जिन गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया उन गाड़ियों के नंबर प्लेट्स बार-बार बदले गए थे. NIA का दावा है कि इन अलग-अलग नंबर प्लेट्स को बनवाने और बदलने का काम रियाज काजी ही कर रहा था.

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