पुणे./दि.31- केंद्र सरकार की आर्थिक मदद से देशभर में शुरु की गई प्रधानमंत्री सुक्ष्म अन्न प्रक्रिया उद्योग योजना के निकष में बदल कर केंद्र सरकार ने एक कदम पीछे लिया है. देशभर से अपेक्षित प्रतिसाद न मिलने के कारण यह निर्णय लिये जाने की बात सामने आई है. एक जिला, एक उत्पादन इस संपकल्पना के अनुसार प्रत्येक जिले के लिए एक उत्पादन ठहराया गया था. उस क्षेत्र में ही नया उद्योग शुरु करने का बंधन अब शिथिल किया गया है. यह बदल राज्य के युवक-युवतियों, बेरोजगार, बचत गट एवं किसानों के लिए लाभदायी साबित होगा.
इस नये निकष बाबत जानकारी देते हुए राज्य के कृषि प्रक्रिया व नियोजन संचालक सुभाष नागरे ने कहा कि एक जिला, एक उत्पादन इस संकल्पना के अनुसार जिन जिलों के लिए जो उत्पादन ठहराया गया है, उनमें ही उद्योग शुरु करना जरुरी था. इसलिए नये से उद्योग शुरु करने में कुछ पैमाने में दिक्कतें निर्माण हो रही थी. यह दिक्कतें अब शिथिल हुई है. एक जिला एक उत्पादन संकल्पना को योजना में प्रधानता जरुर होगी लेकिन अन्य उद्योगों का भी अब स्वागत होगा. राज्य के सभी जिलों को एक जिला, एक उत्पादन अंतर्गत ठहराया गया था. नया उद्योग शुरु करते समय संबंधित उद्योग शुरु करना बंधनकारक था. जिसके चलते अन्य उद्योग शुरु नहीं किये जा सकते थे. यह नियम रद्द किये जाने के लाभ के रुप में इच्छुक कोई भी नया उद्योग शुरु कर सकते हैं. शहरी व ग्रामीण भागों के लिए भी यह योजना होकर वयक्तिक लाभार्थियों को 35 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा. छोटी प्रक्रिया उद्योग शुरु करना, है उस उद्योग का विस्तार करने के लिए यह योजना है. इसलिए शहरी भागों सहित ग्रामीण भाग के युवक, युवती, बेरोजगार एवं महिला बचत गटों को अब योजना का लाभ लेना अधिक सुविधाजनक होने वाला है.
राज्य देश में अव्वल
इस योजना में राज्य देश में अव्वल है. आज तक राज्य में 721 प्रकल्प पूरे हुए है. तीन हजार प्रस्ताव बैंक में मंजुरी के लिए गये हैं. औरंगाबाद, सांगली, पुणे एवं ठाणा जिला आघाड़ी पर है. आर्थिक वर्ष 2024-25 अंत में राज्य में करीबन 3 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर 22 हजार 234 प्रकल्प निर्माण करने का लक्ष्य है. सामाईक आधारभूत सुविधा के लिए योजना में निजी क्षेत्र का समावेश करने पर योजना को अधिक गति मिल सकेगी.