मुंबई/दि.29 – राज्य में वातानुकूलित ‘शिवशाही’ बसों की संख्या बढाने हेतु ‘निमआराम’ बसों की संख्या को दो हजार से घटाकर 476 कर दिया गया है. साथ ही आगामी कुछ माह के दौरान निमआराम बस सेवा को हमेशा के लिए बंद किये जाने का भी नियोजन है, ताकि राज्य में अधिक से अधिक वातानुकूलित बसों को चलाया जा सके. ऐसी जानकारी रापनि सूत्रों द्वारा पता चली है.
बता दें कि, फिलहाल राज्य परिवहन मंडल के पास विविध प्रकार की 16 हजार बसें है. जिसमें से 1 हजार 40 वातानुकूलित ‘शिवशाही’ बसेें है. इसमें भी शिवशाही की 700 बसें रापनि की है. वहीं शेष 340 बसेें किराये तत्व पर चलायी जा रही है. ज्ञात रहेें कि, वर्ष 1917 के दौरान रापनि द्वारा ‘शिवशाही’ बसों को शामिल किया गया और उस समय से ही निमआराम यानी एशियाड बसों की बजाय शिवशाही बसों को ही चलाने का विचार सामने आया. ऐसे में 5 से 6 घंटे से अधिक यात्रावाले मार्गों पर एशियाड बसोें की बजाय शिवशाही बसें दौडने लगी और एशियाड के यात्रियों को मजबूरी में शिवशाही से यात्रा करना शुरू करना पडा.
इस समय चूंकि एशियाड बसें बंद होने की कगार पर है. ऐसे में इन बसोें की देखभाल की ओर रापनि द्वारा जबर्दस्त अनदेखी की जा रही है. इन बसों में जबर्दस्त धूल और गंदगी होती है. साथ ही टूटी-फुटी सीटों को लेकर भी यात्रियों की ओर से जबर्दस्त शिकायतेें आती है. लेकिन इन तमाम बातों को अनदेखा व अनसूना किया जाता है. जबकि एशियाड बसोें का प्रवासी भारमान अब भी 58 फीसदी है, वहीं शिवशाही का भारमान 54 फीसदी है, जो निमआराम बससेवा से कम है. लेकिन इसके बावजूद रापनि द्वारा और 200 शिवशाही बसोें को किराया करार पर लिया जा रहा है.
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ऐसा पडा था ‘एशियाड’ नाम
वर्ष 1982 में दिल्ली में ‘एशियाड गेम्स’ का आयोजन किया गया था. उस समय खिलाडियों को होटल से अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम तक पहुंचाने हेतु महाराष्ट्र से विशिष्ट शैली में बनवायी गयी 200 बसें मंगायी गयी थी. तब राज्य परिवहन निगम ने ये बसें उपलब्ध करायी थी. एशियाड गेम्स खत्म होने के बाद इन बसों का प्रयोग महाराष्ट्र में करने का निर्णय हुआ. पश्चात दादर-पुणे मार्ग पर एशियाड नामक निमआराम बस सेवा शुरू की गई. पूछ बैक आसन व सस्ती दरों पर यात्रा की सुविधा रहनेवाली इन बसोें को आम मध्यमवर्गियों द्वारा जबर्दस्त प्रतिसाद मिला और इस बस सेवा का विस्तार हुआ. लेकिन वर्ष 2017 में रापनि द्वारा वातानुकूलित बस सेवा शुरू करने के बाद निमआराम एशियाड बस सेवा अनदेखी का शिकार हो रही है. साथ ही अब पूरी संभावना है कि, रापनि द्वारा जल्द ही इस बस सेवा को हमेशा के लिए खत्म ही कर दिया जाये.
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700 सामान्य बसों की भी होगी खरीदी
रापनि द्वारा अपनी सेवाओं को विस्तार देने हेतु 700 सामान्य बसों को खरीदने का निर्णय लिया गया है. यह प्रक्रिया कोरोना की वजह से अटकी पडी थी. जिसे अब गतिमान किया जायेगा. इस हेतु राज्य के बजट में भी आवश्यक प्रावधान किया जायेगा. रापनि के पास इस समय सर्वाधिक 14 हजार सामान्य बसें है. साथ ही 1 हजार 40 शिवशाही बसें भी है. इसके अलावा निमआराम एशियाड, विठाई, शयनयान व वातानुकूलित तथा शिवनेरी एवं अश्वमेघ बसें भी रापनि द्वारा चलायी जाती है. हालांकि इनकी संख्या अपेक्षाकृत तौर पर कुछ कम है.