महाराष्ट्र

निर्यात शुल्क कम करने पर सहमति नहीं बनी

महाराष्ट्र से फिर 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदेगी केंद्र सरकार

* दिल्ली में केंद्रीय मंत्री के साथ चर्चा में शामिल हुए पणन मंत्री
* प्याज निर्यात शुल्क नहीं हटा तो फूट पडेगा आक्रोश
पुणे/दि.30– महाराष्ट्र में प्याज के दाम के मुद्दे पर व्यापारी और सरकार आमने-सामने है. तीन दिन पहले मुंबई में के्ंरदीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ओर उपमुख्यमंत्री अजित पवार की प्याज व्यापारियों के साथ हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद शुक्रवार को दिल्ली में फिर से इसी मुद्दे पर बैठक हुई. हालांकि बैठक में प्याज निर्यात पर लगाया गया 40 प्रतिशत शुल्क वापस लेने के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं हुआ. लेकिन केंद्रीय मंत्री ने किसानों के हित को देखते हुए राज्य से फिर 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदी करने का ऐलान कर दिया है.
के्ंरदीय मंत्री गोयल ने प्याज के दाम के मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों को दिल्ली बुलाया था. बैठक के लिए राज्य मंत्रिमंडल में पणन मंत्री अब्दुल सत्तार ही पहुंचे. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री डॉ. भारती पवार मौजूद थी. बैठक के बाद मंत्री सत्तार ने कहा कि निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क वापस लेने के मुद्दे पर उच्चस्तरीय समिति फैसला करेंगी. लेकिन किसानों और व्यापारियों को फौरी राहत देने के लिए राज्य से फिर 2 लाख मिट्रीक टन प्याज खरीदी करने का निर्णय लिया गया है. उल्लेखनीय है कि बीते 22 अगस्त को केंद्र ने नाफेड और एनसीसीएफ के जरिए राज्य से 2 लाख मिट्रीक टन प्याज 2410 रुपए प्रतिक्विंटल की दर से खरीदी करने को हरी झंडी दी थी. हालांकि यह फैसला किसानों को राहत देने वाला था. लेकिन नाफेड और एनसीसीएफ के जरिए खरीदा गया प्याज दूसरे राज्यों के उपज मंडी में कम दामों में बेचा जा रहा था.

* प्याज निर्यात शुल्क नहीं हटा तो बढेगा आक्रोश
प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क अनुचित है. इस मसले पर यदि कुछ अच्छा नहीं हुआ तो किसानों की बेचैनी को रोका नहीं जा सकेगा और उनका आक्रोश फुट पडेगा. नाशिक, धुले, पुणे, नगर और सातारा जिले के कुछ हिस्सों से प्याज बांग्लादेश जाता है. चूंकि यह किसानों की फसल है. इस पर 40 प्रतिशत निर्यात कर लगाना गलत है. हमारी मांग है कि इसे तुरंत हटा दिया जाए.
– शरद पवार,
संस्थापक अध्यक्ष राकांपा,

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