महाराष्ट्र

फलबागान की नहीं की लागत, फिरभी करवाया बीमा

कृषि विभाग के निरीक्षण में गडबडी हुई उजागर

* 14,500 आवेदन रद्द, 45 हजार आवेदनों की जांच
* 23 प्रतिशत क्षेत्र में फर्जी पंजीयन, जालना में सबसे अधिक
पुणे/दि.4-राज्य में पुनर्रचित मौसम आधारित फलफसल बीमा योजना में मृग बहार में अनार, संतरा, मोसंबी, चिकू, अमरुद, नींबू, सीताफल, अंगुर, काजू, पपीता, स्ट्रॉबेरी इन 13 फल फसलों के लिए योजना लागू थी. इसके लिए अंतिम अवधि 31 जुलाई थी. इसके लिए राज्य में 73 हजार 787 आवेदन प्राप्त हुए. हालांकि वास्तव में फलबागान की लागत न करना, अथवा फल बागान का कम क्षेत्र या उत्पादनक्षम बगीचा न रहने पर बीमा सुरक्षा लेने की बात कृषि आयुक्तालय के निदर्शन में आई है.
इस वर्ष मृग बहार की फल फसलों को बीमा कवच देने के लिए राज्य के किसानों के 73 हजार 787 आवेदन प्राप्त हुए थे. कृषि विभाग द्वारा की गई करीब 45 हजार आवेदनों की जांच में करीब साढेदस हजार स्थानों पर बगीचों की लागत नहीं होने की जानकारी सामने आई है. जांच की गई बगीचों की तुलना में यह प्रमाण लगभग 23 प्रतिशत है. ऐसे की विविध कारणों से साढेचौदा हजार आवेदन रद्द किए गए है. तथा 18 हजार आवेदनों की जांच बाकी है. सोलापुर और अहिल्यानगर जिले की रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई. इसलिए अपात्र आवेदनों की संख्या बढने की संभावना व्यक्त की जा रही है.

जांच में क्या आया सामने?
* 45 हजार आवेदनों की प्रत्यक्ष स्पॉट पर जांच
* 10 हजार 476 स्थानों पर बागान की लागत नहीं होने की जानकारी उजागर
* 3,877 स्थानों पर लागत से अधिक क्षेत्र का बीमा
* 163 स्थानों पर कम आयु की बगीचे रहने पर भी बीमा करवाने जानकारी प्राप्त

संबंधित किसानों की बीमा किश्त जब्त
कृषि विभाग ने यह आवेदन अपात्र ठहराये है. संबंधित किसानों की बीमा किश्त जब्त की गई है. यह किश्त केंद्र सरकार के पास जमा कराई गई है.

* जालना में सबसे ज्यादा आवेदन फर्जी
-सबसे ज्यादा फर्जी बीमा जालना जिले मेें पाया गया है. जिले से इस योजना में 18 हजार 922 आवेदन प्राप्त हुए थे. इनमें से 7 हजार 217 स्थानोें पर फलबगीचे ही नहीं होने की जानकारी प्रकाश में आई तो 189 स्थानों पर कम क्षेत्र होने पर ज्यादा बीमा क्षेत्र संरक्षित किया गया.
– इसी तरह छत्रपति संभाजीनगर जिले में 13 हजार 286 आवेदन प्राप्त हुए थे. इसमें 1 हजार 498 स्थानों पर बगीचे नहीं रहना तथा 2 हजार 535 स्थानों पर ज्यादा बीमा करवाना आदि जैसे मामले सामने आए है. इसलिए यहां अपात्र आवेदनों की संख्या 4 हजार 33 हुई है.
-पुणे जिले में भी कुल 939 आवेदनों में से 328 स्थानों पर बगीचे प्रत्यक्ष में पाए नहीं गए. ठाणे जिले में प्राप्त 71 आवेदनों में से करीब 67 आवेदन अपात्र ठहराए गए तथा केवल 4 आवदेन मंजूर किए गए है. जिले में 49 स्थानों पर बगीचे नहीं थे, तो 18 स्थानों पर ज्यादा बीमा करवाए जाने की जानकारी प्रकाश में आई है.
किसानों ने बगीचे नहीं रहने पर, तथा ज्यादा क्षेत्र का बीमा नहीं करवाना चाहिए. अन्यथा कार्रवाई की जाएगी.
-विनयकुमार आवटे, कृषि संचालक
पुणे

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