राज्य में सीईटी परीक्षाओं को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं
परीक्षा लिए बगैर ही प्रवेश कराने पर सरकार कर रही गंभीरता से विचार
हिं.स./दि.१८
पुणे – विविध डिग्री पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं रद्द करने की नीतियां स्वीकारने के बाद लगभग ८ लाख छात्रों के व्यासायिक पाठ्यक्रम की सामायिक प्रवेश प्रक्रिया(सीईटी) को लेकर खतरा लेने की संभावना कम है. इसलिए इस बार सीईटी लिए बगैर ही प्रवेश कराने को लेकर राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. सीईटी को लेकर कोई भी निर्णय लेने पर उसके परिणाम उल्टे-सीधे हो सकते है. इसलिए जटिल मुद्दो पर भी सरकार की ओर से विचार मंथन किया जा रहा है. यह बता दे कि, डिग्री परीक्षाएं रद्द करने की भूमिका पर अटल राज्य सरकार और राज्य सामायिक परीक्षा कक्ष (सीईटी सेल) की ओर से सीईटी की परीक्षाओं को लेकर अब तक निर्णय नहीं लिया है. जिसके चलते शिक्षा क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्माने लगा है. अनेक अभिभावकों हजारों रुपयों का शुल्क भरकर छात्रों को जेईई, सीईटी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंंग क्लासेस मेें भेजते है. लेकिन सीईटी को लेकर देरी होने की बात बताई जा रही है. कोरोना के बढते प्रकोप से कक्षा १० व १२ को छोड उच्च व तकनीकी विभाग अंतर्गत विद्यापीठ के अंतिम वर्ष सहित सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गई है. लेकिन इंजीनियरींग,फार्मसी, आर्कीटेक्चर, एमसीए सहित विविध पदवी व स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए होने वाली सीईटी परीक्षा को लेकर अब तक कोई भी नीतियां स्पष्ट नहीं की गई है. जिससे लाखों छात्रों में संभ्रम बरकरार है. वहीं अभिभावकों ने अपने पाल्यो के लिए ५० हजार रुपयों से लेकर २ लाख रुपयों तक की क्लासेस लगवायी है. इसमें भी क्रैश कोर्स काभी समावेश है. हाल की घडी में कोरोना विपदा के चलते अनेक क्लासेस ऑनलाइन पद्धति से चलायी जा रही है. राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छात्रों की संख्या ६० फीसदी है. कोरोना की वजह से अनेक छात्र अपने गांव लौट गए है. इसलिए अब यह संख्या ७५ फीसदी तक पहुंच गई है. इनमें से अनेक छात्र परीक्षा देंगे या नहीं इसे लेकर भी संदेह बना हुआ है. इसलिए यह छात्र व्यावसायिक शिक्षा से वंचित रहने की सभावना बढ गई है. इस हालत में कक्षा १२ वीं के अंको के आधार पर छात्रों को व्यासायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाए. हरएक १२ वीं मंडल को छात्रों की संख्या पर कोटा दिया जाए. इसके अलावा जिनके नाम प्रवेश के लिए सरकारी कॉलेज में जाहिर होंगे उनको सहयोग किया जाएगा. यह मांग एसो. ऑफ मेजमेंट एनएडेड इन्सिट्यूड इनरुरल इंडिया की ओर से उच्च व तकनीकी शिक्षामंत्री उदय सामंत, सीईटी सेल आयुक्त संदिप कदम के पास की गई है. लेकिन इस पर निर्णय नहीं लेने की शिकायत संस्था अध्यक्ष रामदास झोल ने की है.