मुंबई/दि. 20 – पुणे के मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस के निदेशक सुज्जेट जैन ने बताया कि कोविड परीक्षण के लिए पहली स्व-परीक्षण घरेलू किट कोविसेल्फ, अगले सप्ताह के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगी. यह पहली घरेलू किट है, जिसे देश में घरेलू परीक्षण के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की मंजूरी मिली है. निर्माता का लक्ष्य भारत में 90 प्रतिशत पिन कोड तक इसे पहुंचना है, जबकि किट ऑनलाइन खरीद के लिए भी उपलब्ध होगी. जैन ने कहा, “यह अगले सप्ताह के अंत तक पूरे भारत में 7 लाख से अधिक फार्मेसियों और हमारे ऑनलाइन फ़ार्मेसी भागीदारों में उपलब्ध होगी.” किट की कीमत 250 रुपये है, जिसमें टैक्स भी शामिल हैं और यह एक विस्तृत मैनुअल के साथ आएगी, जिसमें बिना किसी डॉक्टर की मदद के घर पर टेस्ट किया जा सकेगा. चूंकि यह रैपिड एंटीजन टेस्ट है, इसलिए इसके लिए केवल नाक के स्वैब की जरूरत होगी. इसके टेस्ट में दो मिनट का समय लगेगा, जबकि परिणाम 15 मिनट के भीतर आ जाएगा. हालांकि, पॉजिटिव परिणाम इससे पहले आ सकता है. निर्माता के वीडियो मैनुअल में कहा गया है कि 20 मिनट के बाद आने वाले किसी भी परिणाम को अमान्य माना जाएगा. स्व-परीक्षण की अवधारणा नई नहीं है, क्योंकि कई देशों ने पहले ही इस तरह की किट को घरेलू उपयोग के लिए अनुमति दे दी है. भारत मार्च-अप्रैल से महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है, परीक्षण सुविधाओं पर भी अधिक बोझ पड़ गया है, जिसके परिणामस्वरूप परिणामों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
जबकि आईसीएमआर ने पहले ही अधिसूचित किया है कि कोविड के लक्षणों वाले लोगों को कोविड संदिग्ध माना जा सकता है और परिणामों की प्रतीक्षा किए बिना उनका इलाज किया जा सकता है, यह घरेलू परीक्षण किट तुरंत पहचान में मदद करेगी.
ICMR ने स्पष्ट कर दिया है कि हर किसी को इस परीक्षण का विकल्प नहीं चुनना चाहिए. केवल लक्षणों वाले और सकारात्मक मामलों के संपर्क में आने वालों को ही यह घरेलू परीक्षण करने की सलाह दी जाती है. मायलैब की वर्तमान उत्पादन क्षमता प्रति सप्ताह 70 लाख परीक्षण है और 14 दिनों के भीतर फर्म की क्षमता प्रति सप्ताह एक करोड़ परीक्षण किट तक बढ़ाने की है. एक नियमित प्रयोगशाला आरएटी परीक्षण की लागत लगभग 400 रुपये है और एक आरटी-पीसीआर परीक्षण की लागत लगभग 800 रुपये है.