छोटा राजन के मन में कानून का सम्मान नहीं, न मिले जमानत
सीबीआई ने माफिया सरगना की जमानत का किया विरोध
मुंबई/दि.29 – सीबीआई ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में माफिया सरगना छोटा राजन की जमानत अर्जी का विरोध किया. सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रदीप घरत ने कहा कि, आरोपी के मन मेें देश के कानूनों के प्रति कोई सम्मान नहीं है. घरत ने न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई की अध्यक्षता वाली एक पीठ से कहा कि, राजन के विरुद्ध कई मामले लंबित हैं. उसे कई अन्य मामलों में दोषी करार दिया गया है. सजा सुनाई गई है. उन्होंने यह कहते हुए हाईकोर्ट से राजन को जमानत नहीं देने की अपील की कि, वह ‘जेड प्लस सुरक्षा खतरा’ है.
छोटा राजन को साल 2015 में गिरफ्तार किया गया था. उसे इंडोनेशिया से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था. आरोपी के खिलाफ सीबीआई ने 71 मामले दर्ज किए हैं. 14 से 15 मामले अभी भी प्रलंबित है. राजन को 12 मामलों में दोषी ठहराया गया है और एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. फिलहाल वह दिल्ली के तिहाड जेल में है. उसे महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून के तहत भी दोषी ठहराया गया है. वहीं राजन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुदीप पासबोला ने कहा कि, मेरे मुवक्किल पर लगे आरोपों को लेकर कोई ठोस व प्रमाणिक सबूत नहीं है. मेरे मुवक्किल को आपराधिक षडयंत्र के आरोप में दोषी ठहराया गया है. मेरे मुवक्किल के साथ रहने वाले कई आरोपी जमानत पर हैं. इसलिए समानता के आधार पर मेेरे मुवक्किल को भी जमानत दी जाए. मामले से जुडे दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने सीबीआई को कहा कि, वह आरोपी से जुडी एफआईआर, राजन के खिलाफ प्रलंबित मामलों की सूची व गवाहों के इकबालिया बयान की प्रति पेश करें.