* बोले : प्रतिबंध से सभी धर्म होंगे प्रभावित
* लाउडस्पीकर के प्रयोग हेतु नियमों का पालन जरूरी
* सर्वपक्षिय बैठक हुई खत्म, भाजपा ने किया किनारा
मुंबई/दि.25– इन दिनों लाउडस्पीकर को लेकर राज्य में काफी घमासान मचा हुआ है और धर्मस्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को लेकर बडे पैमाने पर आपत्त्तियां दर्ज करायी जा रही है. ऐसे में इस समस्या का समाधान निकालने हेतु आज राज्य सरकार द्वारा सर्वदलिय बैठक बुलाई गई थी. जिसके बाद राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कहा कि, राज्य में लाउडस्पीकर के प्रयोग को प्रतिबंधित करने का कोई विचार नहीं है और ऐसा करना व्यवहार संगत भी नहीं होगा. क्योंकि कई धार्मिक स्थलों पर सुबह-सुबह काकडा, भजन व आरती किये जाते है. जिसके लिए बडे पैमाने पर लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जाता है. अत: यदि किसी एक धर्म के लिए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो अन्य सभी धर्म के लोग भी इसके प्रभाव में आयेंगे. जिससे समाज में और भी अधिक जातिय व सामाजिक तनाव उत्पन्न हो सकता है. ऐसा भी गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील का कहना रहा.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलिय बैठक में लाउडस्पीकर विवाद को हवा देनेवाले मनसे प्रमुख राज ठाकरे सहित इसे लेकर काफी हद तक मुखर रहनेवाली भारतीय जनता पार्टी के नेता उपस्थित नहीं थे. ऐसे में अन्य दलों के नेताओं के साथ राज्य सरकार द्वारा इस गतिरोध को दूर करने के संदर्भ में चर्चा की गई. जिसके उपरांत गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ मिलकर एक पत्रवार्ता को संबोधित किया. जिसमें बताया गया कि, लाउडस्पीकर के प्रयोग को लेकर वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश तथा वर्ष 2015 से वर्ष 2017 की कालावधि के दौरान महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी किये गये अध्यादेशों के आधार पर तय नियमों व शर्तों के तहत लाउडस्पीकर के प्रयोग को अनुमति रहेगी. जिसके तहत संबंधितों को समय व डेसिबल की सीमा के साथ ही सभी नियमों का पालन करना होगा. इस समय मनसे द्वारा लाउडस्पीकर के प्रयोग को लेकर दी गई डेडलाईन के संदर्भ में पूछे जाने पर गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कहा कि, लाउडस्पीकर को लगाने व निकालने का काम सरकार का नहीं है. ऐसे में जिन्होंने लाउडस्पीकर लगाये है, उन्हें चाहिए कि, वे लाउडस्पीकर के प्रयोग को लेकर आवश्यक सावधानी बरतें.