महाराष्ट्रयवतमाल

यवतमाल में एक भी कैदी ने नहीं किया मतदान

मतदान की प्रक्रिया पूर्ण करने से साफ इंकार

* जिले से जस की तस बैलेट पेपर वापस आ गए
यवतमाल/दि.26-भारतीय संविधान में जेल में बंद कैदियों को भी मतदान करने का अधिकार प्रदान किया गया है. जिसके चलते चुनाव आयोग द्वारा कैदियों के लिए यवतमाल जेल में बैलेट पेपर भेजे गए थे. किंतु यवतमाल जेल के कैदियों ने मतदान करने से ही इंकार कर दिया. जिससे जिले से जस के तस बैलेट पेपर वापस आ गए. मतदान करने से कैदियों के इंकार करने से उनके इस फैसले के संबंध में सवाल किए जाने लगे हैं.
यूं तो कारावास को सुधारगृह भी कहा जाता है, जहां कैदियों की मानसिक स्थिति सुधारने का काम किया जाता है, किंतु इस लोकसभा चुनाव में मतदान की प्रक्रिया पूर्ण करने से कैदियों ने साफ इंकार कर दिया. यहां से एक भी कैदी ने मतदान नहीं किया. जबकि इससे पूर्व हर चुनाव में कैदी मताधिकार का प्रयोग करते थे. किंतु इस बार ऐसा क्या हुआ कि सबने अपना वोट नहीं दिया, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.

वोट से पहले 33 मृत
वर्धा : मतदान का प्रतिशत बढाने के लिए घर बैठे मतदान अभियान चलाया गया. इसमें 85 वर्ष प्लस वाले 1,338 वरिष्ठ मतदाताओं ने फार्म डी तो भरा, लेकिन 33 मतदाता ऐसे थे, जो चुनावी टीम के पहुंचने से पहले ही स्वर्ग सिधार गए. 85 वर्ष से अधिक उम्र के 1,258 मतदाताओं ने ही मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 300 में से 280 दिव्यांग मतदाताओं ने फार्म 12 ड भरकर मताधिकार का प्रयोग किया. 12 मतदाता ऐसे थे, जिन्होंने मतदान से इंकार कर दिया. 35 नागरिक ऐसे थे, जिनके पते पर चुनावी टीम के जाने पर वे वहां पर नहीं मिले. घर बैठे मतदान प्रक्रिया के तहत धामनगांव में 292, मोर्शी में 290, आवीं में 253, देवली में 221, हिंगणघाट में 199, वर्धा में 283 ने मतदान किया. इन सभी घटनाक्रमों को चुनाव विभाग ने दर्ज किया है.

 

 

 

 

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