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कम पटसंख्या की एक भी शाला नहीं होगी बंद

शिक्षा मंत्री केसरकर ने कहा- निर्णय हुआ ही नहीं

मुंबई/दि.14 – प्रदेश के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने स्पष्ट कर दिया कि, कम पटसंख्या की किसी भी शाला को बंद करने का कोई निर्णय राज्य सरकार ने नहीं लिया है. प्रदेश में जोरदार चर्चा फैली कि, 14 हजार मराठी शालाएं बंद करने का राज्य सरकार का विचार है. जिससे पालक और शिक्षक दोनों ही चिंता में पड गये थे. शिक्षा मंत्री ने कह दिया कि, ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ है. उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के आरोप को भी ठुकराया. केसरकर ने कहा कि, 14 हजार मराठी शालाएं बंद करने का कोई फैसला नहीं हुआ है. वित्त विभाग ने केवल शालाओं की पटसंख्या, अध्यापकों की संख्या आदि जानकारी मांगी है. इसका अर्थ यह नहीं कि, शालाएं बंद कर दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि, किसी शाला मेें एक ही छात्र रहने पर क्या उसे पढाया, जाये? उस छात्र को भी पढते समय सहपाठियों की साथ मिलना चाहिए. ऐसे विद्यार्थी को अन्य शाला में बैठाने की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए जितना भी खर्च होगा, सरकार करेगी. कम पटसंख्या की अनेक शालाएं दुर्गम, ग्रामीण, जनजातिय पाडे में हैं. उन्हें बंद करने की कोशिश पर सवाल उठाये जा रहे थे. आशंका व्यक्त हो रही थी. शालेय शिक्षा मंत्री ने स्पष्टीकरण देकर उन सभी चर्चा को विराम दे दिया.

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