मुंबई /दि.2 – आरोपी के पास से सिर्फ पावडर लगा पैसा मिलना रिश्वतखोरी के मामले में दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 300 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाए गए आरोपी की सजा को रद्द करते हुए अपरोक्त बात कही.
निचली अदालत ने आरोपी राजू काकाफले को इस मामले में एक साल के साधारण कारावास व दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी. निचली कोर्ट में चपरासी के रुप में कार्यरत आरोपी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी. आरोपी पर मुख्य रुप सेएक शख्स को अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप था.
सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील सत्यव्रत जोशी ने कहा मेरे मुवक्किल की ड्यूटी कोर्ट रुम में थी. उनका आदेश की सर्टिफाइड प्रदान करने वाले सेक्सन से कोई संबंध नहीं था. इसलिए यह स्पष्ट नहीं होता है कि, शिकायतकर्ता आरोपी से क्यों मिला था. अभियोजन पक्ष ने मेरे मुवक्किल के रिश्वत मांगने व स्वीकार करने के विषय में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है. मेरे मुवक्किल की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है. क्योंकि आदेश की प्रमाणित प्रति दूसरे सेक्सन को देनी थी. वहीं अतिरिक्त सरकारी वकील ने इस मामले में कहा कि, आरोपी व शिकायतकर्ता के बीच हुई बातचीत का एक टेप मौजूद है.