महाराष्ट्र

आत्महत्या नहीं, गुप्त धन को लेकर की गई थी परिवार के 9 लोगों की हत्या

पुलिस की तहकीकात में चौकाने वाले राज का पर्दाफाश

* हत्यारोपी तांत्रिक समेत दो गिरफ्तार, सांगली की घटना
सांगली./ दि.28 – जिले के मिरज तहसील स्थित म्हैसाला गांव में एक ही परिवार के 9 लोगों की मौत होने के मामले में पुलिस ने की तहकीकात में चौकाने वाले राज का पर्दाफाश हुआ है. जांच में पता चला है कि, परिवार ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उनके भोजन में जहर देकर उनकी हत्या की गई थी. सांगली के पुलिस अधिक्षक दीक्षित गेडाम के अनुसार इस मामले में एक तांत्रिक समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. गुप्त धन को लेकर परिवार की हत्या की गई.
तांत्रिक अब्बास मोहम्मद अली बागवान, उसका ड्राइवर धिरज सुरवसे (दोनों सोलापुर) के खिलाफ हत्या के आरोप में दफा 302 के तहत अपराध दर्ज किया गया हैै. बता दें कि, 20 जून को दो घरों में एक ही परिवार के 9 लोगों की लाश बरामद हुई. परिवार ने कई लोगों से कर्ज ले रखा था, जिससे पलिुस को संदेह था कि, उधार मांगने वालों से परेशान होकर परिवार के सदस्यों ने एकसाथ जहर पिकर आत्महत्या कर ली. घर में मिले सुसाइड नोट से भी इसी तरह के संकेत मिल रहे थे.
* ऐसे उजागर हुई सच्चाई
तहकीकात करते हुए आगे बडी पुलिस को पता चला कि, वनमोरे परवार से मुलाकात करने के लिए अक्सर दो लोग आया करते थे. वे दोनों के साथ परिवार के लोग गुप्त धन को लेकर बात किया करते थे. वे दोनों कभी भी देर रात के समय भी आते थे. उन लोगों को परिवारवालों ने काफी रुपये भी दिये थे. तब पुलिस ने दोनों के बारे में तहकीकात में गति दी. पुलिस को पता चला कि, वे दोनों सोलापुर के रहने वाले है. इसके बाद पुलिस उन दोनों तक पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर कडी पूछताछ की गई. तब यह सच्चाई सामने आयी.
* मामला यह है
बता दे कि, पशुओं के डॉक्टर व शिक्षक बांधव पोपट वनमोरे व उनके छोटे भाई माणिक वनमोरे दोनों की मां 72 वर्षीय अक्काताई वनमोरे समेत परिवार के 9 सदस्यों की लाश घर में मिली थी. 6 लोगों की लाश परिवार के एक घर में और तीन लोगों की लाश दूसरे घर में मिली थी. शुरुआत में संदेह था कि, कर्ज वसूली के लिए परेशान किये जाने के कारण परिवार के लोगों ने सामूहिक आत्महत्या की, लेकिन अब यह मामला तंत्रमंत्र और गुप्तधन के चक्कर में हत्या किये जाने की बात उजागर हुई है.
* पहले 13 साहुकारों को गिरफ्तार किया था
इस मामले में सुसाइड नोट मिलने के पश्चात पुलिस ने 13 साहुकारों को गिरफ्तार किया था. सांगली के पुलिस अधिक्षक दीक्षित गेडाम ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया था कि, सुसाइड नोट से पता चला है कि, परिवार ने कुछ लोगों से कर्ज ले रखा था. कर्ज अदा नहीं कर पा रहे थे. इस वजह से परिवार के सदस्यों को अपमानित किया जा रहा था. इस वजह से परिवार के सदस्यों ने एक साथ आत्महत्या करने का फैसला किया. परिवार ने किसी कारोबार को लेकर कर्ज लिया था, लेकिन वे सफल नहीं हुए और रुपए नहीं वापस लौटा पाए. पुलिस ने कर्ज देने वाले 25 लोगों के खिलाफ आईपीसी, साहुकारी कानून व एट्रासिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया था.

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