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एसटी का विलीनीकरण संभव नहीं

राज्य सरकार ने विधानसभा में रखी रिपोर्ट

* एसटी कर्मचारी हो सकते है और आक्रामक
मुंबई/दि.4– राज्य परिवहन महामंडल का राज्य की सरकारी सेवा में विलीनीकरण करना संभव नहीं है, ऐसा कोर्ट द्वारा नियुक्त त्रिसदस्यीय समिती की रिपोर्ट में कहा गया है. इस रिपोर्ट को आज राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब द्वारा विधानसभा के सामने रखा गया. हालांकि फिलहाल समिती द्वारा अपनी रिपोर्ट में दिये गये निष्कर्ष को लेकर राज्य सरकार द्वारा अपनी ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है. किंतु यह लगभग तय हो गया है कि, एसटी कर्मचारियों को राज्य के सरकारी कर्मचारियों का दर्जा नहीं मिलनेवाला. ऐसे में विगत चार माह से विलीनीकरण की मांग को लेकर हडताल कर रहे एसटी कर्मचारियों के और भी अधिक आक्रामक होने की उम्मीद दिखाई दे रही है. वहीं दूसरी ओर इस रिपोर्ट के सामने आने के साथ ही विपक्ष द्वारा राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक परिवहन मंत्री अनिल परब द्वारा विधानसभा में रखी गई त्रिसदस्यीय समिती की रिपोर्ट में मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है. साथ ही स्पष्ट रूप से कहा गया है कि, महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल का राज्य सरकार में विलीनीकरण करना बिल्कुल भी संभव नहीं है. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि, एसटी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन व भत्ते प्राप्त नहीं होंगे. ऐसे में इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार को जमकर आडे हाथ लिया गया है. वहीं अब रापनि कर्मियों द्वारा भी बेहद आक्रामक भूमिका अपनाये जाने की पूरी संभावना है.

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