मुंबई/दि.23 – मुंबई उच्च न्यायालय ने विधान परिषद की 12 सीटों के मनोनय से जुडे संविधान के अनुच्छेद 171(3-ई) की वैधानिकता को चुनौती देनेवाली याचिका पर केंद्र सरकार के महाधिवक्ता (अटार्नी जनरल ऑफ इंडिया) को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने यह नोटिस सामाजिक कार्यकर्ता शिवाजी पाटिल व दीपकराव आगले व्दारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करने के बाद पारित किया है. हाईकोर्ट में अब इस मामले पर 14 जनवरी 2021 को सुनवाई होगी.
मंगलवार को न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील सतीश तलेकर ने दावा किया कि उक्त अनुच्छेद के माध्यम से विधान परिषद के 12 सदस्यों को कैसे मनोनीत किया जाए, इसकों लेकर किसी प्रक्रिया व व्यवस्था का उल्लेख नहीं है. इस अनुच्छेद के माध्यम से राज्यपाल अथवा मंत्रिमंडल को असीमित, अनियंत्रित व निरंकुश अधिकार दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अक्सर इस अनुच्छेद का दुरुपयोग किया जाता है या यू कहें तो सत्ताधारी दल इसके जरिए अपने करीबियों का पुर्वसन करता है. इसके साथ ही यह अनुच्छेद अधिकारों के विभाजन से जुडे मूलभूत सिध्दांतों का भी उल्लंघन करता है.
इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने याचिका को लेकर कई आपत्तियां व्यक्त की और दावा किया कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है.