मुंबई /दि. ८ – प्रदेश में हॉस्पिटैलिटी यानी आतिथ्य उद्योग शुरू करने के लिए ७० लाइसेंस के बजाय अब १० लाइसेंस और ९स्वयं प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ेगी. बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने हॉस्पिटैलिटी उद्योग के लिए लाइसेंस की संख्या कम करने के फैसले को मंजूरी दी. हॉस्पिटैलिटी उद्योग के लिए व्यवसाय सुलभता निर्माण करने के लिए एक खिड़की योजना अंतर्गत केवल एक ऑनलाइन आवेदन पर सभी लाइसेंस पर्यटन विभाग के माध्यम से दिए जाएंगे. सभी अनुमति,लाइसेंस,अनापत्ति प्रमाणपत्र की वैधता पांच साल तक रहेगी. इन सेवाओं को महाराष्ट्रसेवा अधिकार अधिनियम २०१५ के दायरे में लाया जायेगा. व्यवसाय सुलभता की दृष्टि से हॉस्पिटैलिटी उद्योग के लिए यह फैसला लिया गया है. इसमें निवेश और रोजगार बढऩे की उम्मीद हैे
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विवि के लिए सातवां आयोग
नाशिक स्थित महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति पद को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी हैे. सरकार ने स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के विभिन्न पदों के अधिकारी और कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ पहले मंजूर किया था. अब कुलपति और प्रति कुलपति को इसका लाभ देने का फैसला किया है.
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कृषि पंप के लिए बैंक से २२४८ करोड़ का कर्ज
प्रदेश में कृषि पंप के लिए आवेदनकर्ताओं को उच्च दाब विद्युत वितरण प्रणाली योजना लागू करने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से २, २४८ करोड़ रूपये कर्ज लिया जाएगा. बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इससे संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी. राज्य में ३१ मार्च २०१८ तक पैसे भरने के बावजूद कृषि पंप कनेक्शन नहीं पानेवाले सभी आवेदनकर्ताओं के लिए महावितरण के माध्यम से एचवीडीएस योजना लागू की जाएगी.
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नव तेजस्विनी परियोजना को मंजूरी
प्रदेश में नव तेजस्विन-महाराष्ट्र ग्रामीण महिला उद्यम विकास परियोजना लागू करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. यह परियोजना महिला बचत समूह के लिए लागू की जायेगी. इस परियोजना के लिए अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) से३३४.१० करोड़ कर्ज लिया जाएगा. जबकि प्रदेश सरकार १८८.८८ करोड़ रूपये की निधि उपलब्ध कराएगी.प्रदेश की महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के लागू होने से महिला बचत गट के लिए उद्यम तैयार हो सकेंगे.