महाराष्ट्र

खो-खो टीम में अब 15 खिलाड़ी

मॅट पर बढ़ती घटनाओं के कारण निर्णय

मुंबई/दि.3– मॅट पर खो-खो खेलने की शुरुआत किए जाने से उसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर बढ़ने में मदद हो रही है. लेकिन इसलिए दुर्घटनाओं का प्रमाण बढ़ा है. जिसके चलते देश के आघाड़ी के प्रशिक्षक और अधिकारियों की सूचना को अंतिम स्वरुप देते हुए भारतीय खो-खो महासंघ ने अब स्पर्धा के लिए चुने जाने वाला संघ 12 की बजाय 15 खिलाड़ियों का करने का निर्णय लिया है.
खो-खो अब अधिक तेज गति हुआ है. वहीं अंतर्राष्ट्रीय खेल होने के लिए इसमें बदल किया गया है. जिसका अनुसरण कर अब संघ 12 की बजाय 15 खिलाड़ियों का किया गया है. यह जानकारी भारतीय खो खो महासंघ के सचिव एम.एस. त्यागी ने दी. यह बदलाव सब जुनिअर, जुनिअर एवं वरिष्ठ गुटों में भी होगा. संघ के खिलाड़ी बढ़ने का लाभ खेल के बढ़ने के लिए होगा, ऐसा भी उन्होंने कहा. अब नई रचनानुसार स्पर्धा में सहभागी होने वाले संघ में करीबन 18 सदस्य होंगे. संघ में 15 खिलाड़ी, एक प्रशिक्षक, एक व्यवस्थापक एवं एक सपोर्टिंग स्टाफ तथा एक ट्रेनर होगा. इसे नये मौसम से अमल में लाया जाएगा, यह जानकारी त्यागी ने संलग्नित संगठनाओं की दी है.
राष्ट्रीय विजेता रेल्वे पुरुष संघ के प्रशिक्षक गंगाधर राणे ने इस निर्णय का स्वागत किया, लेकिन यह निर्णय देरी से होने की बात भी उन्होंने कही. भारत में राष्ट्रीय स्पर्धा मॅट पर हो रही है. खिलारी बचपन से मिट्टी में खेलते हैं. राष्ट्रीय स्पर्धा में अचानक मॅट पर खेलना संभव नहीं हो सकता. इसलिए दुर्घटनाओं का प्रमाण बढ़ता है. जिसके चलते तीन ही आरक्षित खिलाड़ी कम पड़ते हैं. इस ओर राणे ने ध्यानाकर्षित किया. मात्र इसी समय हमने राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए सराव शिविर लिया था. इसलिए जबलपुर राष्ट्रीय स्पर्धा में हमारे संघ की दुर्घटनाओं का प्रमाण करीबन नगण्य था. अचानक मॅट पर खेलने से गुडघे दर्द होने का प्रमाण बढ़ता है, ऐसा भी उन्होंने कहा. इसके साथ ही उन्होंने खो-खो का खास विचार करते हुए इसके लिए मॅट बनाने आवश्यकता होने की बात कही. फिलहाल कबड्डी, कुश्ती अथवा तायक्वांदो के लिए तैयार हो रही मॅट पर होता है ऐसा उन्होंने कहा.

संघ में 12 की बजाय 15 खिलाड़ी होना चाहिए, ऐसी सूचना मैंने पहले ही दी थी. यह निर्णय देरी से हुआ फिर भी इसका स्वागत करना चाहिए. मॅट पर दुर्घटनाओं का प्रमाण अधिक होने के कारण अधिक पर्याय उपलब्ध होंगे. इसके साथ ही खिलाड़ियों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ेंगे.
– गंगाधर राणे, रेल्वे के प्रशिक्षक

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