अब फिर जनता से चुने जायेंगे नगराध्यक्ष व सरपंच
फसल मंडी में किसानों को मतदान करने का मिलेगा अधिकार
* शिंदे-भाजपा सरकार ने लिये कई महत्वपूर्ण फैसले
मुंबई/दि.14- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व व उपस्थिति में आज राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई. जिसमें पेट्रोल व डीजल के दाम घटाने के साथ-साथ नगराध्यक्ष व सरपंचों के निर्वाचन के साथ ही फसल मंडियों के चुनाव को लेकर महाविकास आघाडी सरकार द्वारा रद्द किये गये निर्णय को बदल दिया गया. जिसके चलते अब राज्य में एक बार फिर नगराध्यक्षों व सरपंचों का चुनाव सीधे आम जनता द्वारा किया जायेगा. यानी अब सदस्यों द्वारा नहीं, बल्कि आम जनता द्वारा अपने नगराध्यक्ष या सरपंच को चुना जायेगा. इसी तरह फसल मंडियों में भी किसानों को प्रत्यक्ष मतदान करने का सीधा अधिकार रहेगा.
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली भाजपा-सेना युति सरकार रहते समय वर्ष 2018 में नगराध्यक्षों व सरपंचों का चयन सीधे आम जनता के बीच से करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसके बाद वर्ष 2019 में महाविकास आघाडी सरकार के सत्ता में आते ही इस निर्णय को बदल दिया गया था. परंतू अब हुए सत्ता परिवर्तन के बाद अस्तित्व में आयी शिंदे-भाजपा सरकार द्वारा पुराने फैसले को पूर्ववत करने की घोषणा की गई है. जिसके चलते अब नगर परिषदों व नगर पंचायतों में नगराध्यक्षों का तथा ग्राम पंचायतों में सरपंचों का चयन सीधे आम मतदाताओं के जरिये किया जायेगा. साथ ही फसल मंडी में संचालकों का चयन करने हेतु किसानों को मतदान करने का अधिकार होगा.
इसके अलावा शिंदे भाजपा सरकार की इस पहली कैबिनेट बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि, आपातकाल के दौरान जिन लोगों को कारावास भूगतना पडा उनका सम्मान व यथोचित गौरव करने हेतु इससे पहले शुरू की गई योजना को दोबारा शुरू किया जायेगा. ज्ञात रहे कि, महाविकास आघाडी सरकार द्वारा इस योजना को 31 जुलाई 2020 को बंद कर दिया गया था. इसके अलावा राज्य में स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान (नागरी)-2.0 तथा केंद्र सरकार पुरस्कृत अमृत अभियान 2.0 को अमल में लाये जाने का भी निर्णय लिया गया.