मुंबई/दि.11– राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास आघाडी सरकार और मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा अंर्तमुख होकर विचार किया जाना चाहिए. क्योंकि विषय हमारी जीत और उनकी हार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इस सरकार की वजह से महाराष्ट्र का विकास ठप्प पडा हुआ है. जिससे राज्य की जनता के साथ-साथ खुद महाविकास आघाडी सरकार के साथ रहनेवाले विधायक भी परेशान हो चले है. यहीं वजह है कि, आघाडी के साथ रहनेवाले छोटे दलों के विधायकों सहित निर्दलीय विधायकों ने इस चुनाव में भाजपा का साथ दिया है.
अपनी जीत के बाद मीडिया के साथ बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस ने कहा कि, केवल हमारे प्रति द्वेषभावना रहने के चलते आघाडी सरकार ने हमारी सरकार द्वारा शुरू किये गये कई प्रकल्पों को बंद करवा दिया. जिसकी वजह से महाराष्ट्र का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके साथ ही जीएसटी तथा पेट्रोल व डीजल को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, शिवसेना ने बेईमानी करते हुए महाराष्ट्र की सत्ता हासिल की, लेकिन कम से कम जिम्मेदारी के साथ सरकार चलानी चाहिए. परंतू सरकार द्वारा केवल बदले की भावना रखते हुए लोगोें के घर तोडने का काम किया जा रहा है. ऐसे में गनिमत है कि, उनका मुंबई में कोई घर नहीं है. अन्यथा सरकार द्वारा अब तक उनके घर को भी तोड दिया जाता. फडणवीस के मुताबिक राज्य की जनता ने पीएम मोदी पर भरोसा रखते हुए भाजपा और शिवसेना के पक्ष में अपना जनादेश दिया था. लेकिन शिवसेना ने केवल सत्ता के लालच में आकर पीठ में खंजर घोंपने का कार्य किया. परंतू सरकार बनाने के बाद भी शिवसेना सत्ता को ठीक से नहीं संभाल पा रही.