महाराष्ट्र

अब सुबह 9 बजे के बाद ही शुरु होगी कक्षा चौथी की शालाएं

पूरे राज्य के लिए शालेय शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

* छोटे बच्चों की नींद हो सकेगी पूरी
मुंबई/दि.9– राज्य में सभी माध्यम व सभी व्यवस्थापन वाली शालाओं में पूर्व प्राथमिक से चौथी तक कक्षाएं शुरु करने का समय सुबह 9 बजे अथवा 9 बजे के बाद रखा जाये, ऐसा आदेश शालेय शिक्षा विभाग द्वारा गत रोज जारी किया गया. यह आदेश वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक सत्र से लागू होगा. यह निर्णय सरकारी, अनुदानित व निजी ऐसे सभी माध्यम एवं व्यवस्थापन वाली शालाओं के लिए लागू रहेगा.
इस आदेश में कहा गया है कि, शाला के समय में बदलाव करते समय शहर के सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालयों का समय और शालाओं का समय समांतर न आने पाये, इसकी ओर भी ध्यान देना जरुरी रहेगा. साथ ही शालाओं के समय मेें बदलाव करते समय दो सत्रों में चलने वाली शालाएं का नियोजन करते हुए कम से कम प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों हेतु दूसरे सत्र का विचार किया जाना चाहिए. इसके साथ ही जिन शाला व्यवस्थापन के लिए अपनी शालाओं का समय बदलना बिल्कुल भी संभव नहीं है, वे अपनी दिक्कतों से संबंधित मामले जिले के शिक्षाधिकारी व प्राथमिक शिक्षा निरीक्षक से मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए आवश्यक कार्रवाई करे, ऐसा भी शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है.

* क्यों लिया गया निर्णय?
– विविध कारणों के चलते विद्यार्थी रात में देर से सोते है और सुबह स्कूल जल्दी रहने के चलते उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती. जिसका नकारात्मक परिणाम विद्यार्थियों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर पडता दिखाई देता है.
– अभिभावकों के अनुसार बच्चों की नींद पूरी नहीं हो पाने के चलते वे सुबह स्कूल जाने हेतु जल्दी उठने के लिए तैयार नहीं होते तथा रात में नींद पूरी नहीं हो पाने की वजह से दिनभर आलस में दिखाई देते है. जिसके चलते कई बार पढाई-लिखाई के लिए आवश्यक रहने वाला उत्साह बेहद कम दिखाई देता है. जिसका नकारात्मक परिणाम उनके अध्ययन पर होता है.
– अलग-अलग मौसम विशेषकर सर्दी एवं बारिश वाले मौसम के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्कूल में जाना बच्चों के लिए काफी तकलीफदेह साबित होता है. साथ ही बारिश एवं सर्दी की वजह से कई बार विद्यार्थी बीमार भी पड जाते है.
– सुबह बच्चों को उठाकर स्कूल जाने हेतु जल्दी तैयार करने, उसका टिफिन बनाने और उसे समय पर स्कूल छोडने जैसे कामों के चलते कई बार अभिभावकों को भी काफी दौडभाग का सामना करना पडता है.
– सुबह जल्दी शुरु होने वाले शालाओं में विद्यार्थियों को बस एवं वैन के जरिए ले जाते समय रास्ते पर कोहरे व बारिश की वजह से भी काफी दिक्कतें पैदा होती है. इसके चलते यह निर्णय लिया गया है.

* दो सत्रों में चलने वाली शालाओं को इस निर्णय की वजह से काफी हद तक दिक्कत हो सकती है और इस फैसले पर अमल करने हेतु दोनों सत्रों के समय को थोडा-थोडा कम करना पड सकता है, ऐसा कुछ शालाओं के व्यवस्थापनों का मानना है.

* पूरे अध्ययन के पश्चात तथा विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के चलते विद्यार्थियों की नींद पूरी होगी और वे उत्साही वातावरण में अपनी पढाई कर सकेंगे.
– दीपक केसरकर,
शालेय शिक्षा मंत्री.

* शालेय शिक्षा विभाग ने बेहद योग्य निर्णय लिया है. लेकिन केवल इतना ही काफी नहीं है. बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए मोबाइल प्रयोग के खिलाफ भी व्यापक स्तर पर आंदोलन चलाना होगा.
– डॉ. हरिश शेट्टी,
बाल मनोविकास तज्ञ.

* संस्था चालकों का संगठन इस निर्णय का स्वागत करता है. बच्चों के स्वास्थ्य का विचार करते हुए लिया गया यह निर्णय पूरी तरह से योग्य है. सभी संस्था चालकों ने सुबह के सत्र को दोपहर में और दोपहर के सत्र को सुबह के समय चलाना चाहिए.
– डॉ. संजय पाटिल,
संस्थापक अध्यक्ष, मेस्ता.

* राज्य में कुल 51,152 प्राथमिक शालाएं
सरकारी शाला – 43,000
अनुदानित शाला – 3,183
निजी अनुदानित – 4,632
निजी सहित अन्य – 303
कुल पूर्व प्राथमिक शाला – 632

* विद्यार्थी संख्या
95,65,000 – प्राथमिक (कक्षा 1 ली से 5 वीं)
5,25,000 – पूर्व प्राथमिक
(संदर्भ – यूडायस 2021-22 के आंकडे)

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