मुंबई/दि.13 – राज्य सरकार की नई रेत नीति पर अमल शुरू हो गया है. प्रायोगिक तत्व पर एक वर्ष के लिए सभी नागरिकों को प्रति ब्रास 600 रुपए यानि प्रति टन 133 रुपए दर से रेत मिलने वाली है. रेत मिलने के लिए ग्राहकों को महाखनिज वेबपोर्टल पर रेत खरीदी की मांग दर्ज करना आवश्यक है. एक परिवार को एक समय अधिक से अधिक 50 टन रेत मिलेंगी, ऐसा राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा.
पिछले कुछ वर्षो में रेत की नीलामी समय पर न होने से रेत की किल्लत निर्माण हो गई थी. परिणाम स्वरुप आम नागरिकों को प्रति ब्रास रेत के लिए अधिक पैसे गिनने पडते थे. रेत की कमी, रेत के लिए ज्यादा पैसे, अवैध रेत खुदाई को रोकने के लिए राज्य सरकार ने नई रेत नीति अपनाई है. इस नीति के मुताबिक जिन ग्राहकों को रेत चाहिए, उन्हें महाखनिज इस वेबपोर्टल पर रेत खरीदी की मांग दर्ज करना आवश्यक है. जिन्हें संभव नहीं है, उन्हें सेतू केंद्र के जरिए यह मांग दर्ज करनी पडेंगी. इसके लिए लगने वाला शुल्क जिलाधिकारी निश्चित करनेवाले है, ऐसा भी विखे पाटील ने कहा. साथ ही मोबाईल एप के माध्यम से रेत की मांग दर्ज करने के लिए राज्य सरकार सकारात्मक रहने की बात भी उन्होंने कही. एक परिवार को एक समय ज्यादा से ज्यादा 50 टन रेत चाहिए तो रेत मिलने की तिथि से एक माह बाद फिर रेत की मांग करते आ सकती है. रेत की मांग दर्ज करने के बाद 15 दिन के भीतर रेत डिपो से ग्राहक उसे ले जा सकते है. इसके लिए लगनेवाला खर्च ग्राहकों को अदा करना पडेंगा, ऐसा भी विखे पाटील ने कहा.