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अब सभी सरकारी दस्तावेजों पर मां का नाम होगा अनिवार्य

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया निर्णय

* 19 महत्वपूर्ण फैसलों को मिली मंजूरी
मुंबई/दि.11– अब से सभी तरह के सरकारी दस्तावेजों पर पिता के नाम के साथ-साथ मां का नाम लिखा होना भी अनिवार्य होगा. इस आशय का महत्वपूर्ण निर्णय आज राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है. इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव की पार्श्वभूमि पर आज राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई. जिसमें कैबिनेट ने 19 महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अयोध्या में महाराष्ट्र अतिथि गृह के निर्माण हेतू भूखंड खरीदने हेतु मंजूरी दी. इसके अलावा मुंबई के महालक्ष्मी रेस कोर्स में सेंट्रल पार्क स्थापित करने को भी मान्यता दी गई और एमएमआरडीए के प्रकल्पों हेतु 24 करोड रुपए की सरकारी गारंटी देने को लेकर भी राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मान्यता प्रदान की गई है.

इसके अलावा राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये निर्णय के मुताबिक बीडीडी गालाधारक व झोपडीधारक के करारनामे पर लगने वाले मुद्रांक शुल्क को कम किया जाएगा. बंद पडी 58 सुतगिरणियों के कामगारों को घरकूल दिये जाएंगे, एमआरडीए के प्रकल्पों हेतु 24 हजार करोड रुपयों की सरकारी गारंटी दी जाएगी. मुंबई ने मूलभूत सुविधाओं के विकास हेतु केएफडब्ल्यू की ओर से 850 करोड रुपयों की आर्थिक सहायता ली जाएगी, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग का स्वतंत्र प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा.

जीएसटी में 522 नये पदों को मान्यता दी जाएगी और राज्य उत्पाद शुल्क विभाग में नये संचालक पद का निर्माण होगा. एलएलएम पदवि धारक न्यायिक अधिकारियों को 3 अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ पूर्वलक्षी प्रभाव से दिया जाएगा. विधि व न्याय विभाग के कार्यालय हेतु नई इमारतों के लिए राज्यस्तरीय योजना चलाई जाएगी. राज्य के सभी जिलों के विकास हेतु संस्थात्मक क्षमता सक्षमीकरण प्रकल्प चलाया जाएगा. डॉ. होमी भाभा स्टेट युनिवर्सिटी (मुंबई) इस समूह विद्यापीठ में शासकीय न्याय सहायक विज्ञान संस्था व सिडन हिम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज जैसे दो सरकारी महाविद्यालयों का घटक महाविद्यालय के तौर पर समावेश किया जाएगा. उपसा जलसिंचन योजना के ग्राहकों को बिजली की दरों में सहुलियत योजना को समयावृद्धि दी जाएगी. 61 अनुदानित आश्रमशालाओं की श्रेणी वृद्धि की जाएगी. आदिवासियों का जीवनमान उंचा उठाने हेतु रोजगार व स्वयं रोजगार योजना चलाई जाएगी. इन सभी के साथ ही राज्य में तृतीयपंथी नीति 2024 को भी कैबिनेट की बैठक द्वारा अपनी मान्यता प्रदान की गई है.

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